आईआईएस विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार 12 अप्रैल को एपीजे अब्दुल कलाम सभागार, शिप्रा पथ मानसरोवर, जयपुर में 10वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक गुप्ता ने की. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में डॉ. महेश कोटबागी, डायरेक्टर रोटरी इंटरनेशनल एवं वीरेंद्र पी शर्मा, सी.ई.ओ. पी. टी. मित्र अदि परकासा, जकार्ता इंडोनेशिया को डी. लिट ऑनरिस कोसा से नवाज़ा गया.
2 हजार 870 छात्राओं को दी गई उपाधियां
आईआईएस यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में 2 हजार 870 छात्राओं को विभिन्न संकायों में डिग्रियां प्रदान की गई. जिनमें से 117 पीएचडी, 722 पोस्ट ग्रेजुएशन, 2031 अंडर ग्रेजुएशन शामिल है. अन्य श्रृंखला में मेधावी स्नातकों को 99 गोल्ड मेडल्स, 18 प्लेक्स, 30 एंडोमेंट एवं 499 को मैरिट सर्टिफिकेट्स दिए गए.
1995 में बहुत कम छात्राओं से की थी शुरूआत- अशोक गुप्ता
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक गुप्ता ने दीक्षांत समारोह उपस्थित मुख्य अतिथि गणमान्य व्यक्तियों, अतिथियों एवं स्नातकों का स्वागत किया. अशोक गुप्ता ने आईआईएस विश्वविद्यालय के मुख्य उद्देश्यों से अवगत कराया. स्वागत भाषण में, डॉ. गुप्ता ने बताया कि 1995 में छात्राओं की कम संख्या के साथ इंटरनेशनल कॉलेज के रूप में शुरू हुई आईआईएस की यात्रा में कम समय में इसने उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता की दिशा में भारत के शीर्ष संस्थानों में नाम दर्ज कराया है. छात्रों को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए अलग पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों के साथ जुड़ने और बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो बदले में उन्हें आवश्यक मानव अनुभव की जटिलता और समृद्धि की स्पष्ट समझ विकसित करने में मदद करेगा.
भारत की नई शिक्षा प्रणाली की रूपरेखा को रेखांकित करती है एनईपी 2020- ओम बिरला
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, भारत की नई शिक्षा प्रणाली की रूपरेखा को रेखांकित करते हुए एनईपी 2020 के निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए सभी को प्रेरित किया. ओम बिरला ने स्नातकों को बधाई दी और कहा कि “आश्वस्त रहें, चाहे आप कोई भी क्षेत्र चुनें, आप भारत की सशक्त और प्रबुद्ध महिलाएं होंगी जो भविष्य में नेतृत्व करेंगी. उत्कृष्टता के पथ पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने सभी छात्राओं को सलाह दी कि चैट जीपीटी और इंस्टाग्राम के युग में रहने के बावजूद उन्हें जीवन में शॉर्टकट का पालन नहीं करना चाहिए क्योंकि सफलता आसानी से नहीं मिलती है. उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत करने, बड़े सपने देखने, खुद से प्रतिबद्धता करने और प्राप्त शिक्षा के साथ न्याय करने के लिए भी प्रेरित किया.