वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय द्वारा अखिल भारतीय खुला विश्वविद्यालय कुलपति सम्मेलन आयोजित

राज्यपाल कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 50 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य वर्ष 2035 तक हासिल करने के लिए योजनाबद्ध एवं समन्वित प्रयास किए जाने पर बल दिया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालयी शिक्षा की पहुंच कस्बों, गांवों और दूरस्थ क्षेत्रों तक बनानी होगी राज्यपाल मिश्र वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय खुला विश्वविद्यालय कुलपति सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे

बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता- कलराज मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बालिकाओं की शिक्षा पर ध्यान देना आज सबसे अधिक जरूरी है. विश्वविद्यालय स्तर पर बेटियों को पढ़ाई के अधिकाधिक अवसर मुहैया कराए जाने चाहिए. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाली समस्त छात्राओं की फीस का शत-प्रतिशत पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे बालिकाओं के नामांकन में काफी वृद्धि हुई है.

दूरस्थ शिक्षा का है विशेष महत्व- कलराज मिश्र

राज्यपाल ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली जीवनपर्यंत शिक्षा से मनुष्य को जोड़े रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह ऐसी शिक्षा पद्धति है जिसमें किसी भी समय, किसी भी स्थान पर विद्यार्थी आवश्यकता के अनुसार शिक्षा ग्रहण कर सकता है.  महिला शिक्षा को बढ़ावा देने, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, आदिवासियों तथा दिव्यांगों,किसानों, औद्योगिक मजदूरों आदि  को समान रूप से शैक्षिक अवसर प्रदान करने की दृष्टि से दूरस्थ शिक्षा का विशेष महत्व है.  देश की नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं, कला व संस्कृति के संवर्धन आदि पर विशेष जोर दिया गया है. इस शिक्षा नीति का व्यावहारिक रूप में क्रियान्वयन कर शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाया जा सकता है. खुला विश्वविद्यालय में सभी विषयों के ऐसे रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम विकसित किए जाने चाहिए जिससे युवा कौशल विकास और उद्यमिता से अपना भविष्य निर्माण कर सकें. उन्होंने भारतीय संस्कृति और संस्कारों के प्रति विद्यार्थियों को निकट लाने के लिए भी प्रयास किए जाने पर बल दिया.

कोविड में घर बैठे लाखों लोगों को मिली शिक्षा- कलराज मिश्र

राज्यपाल ने कहा कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा कोविड के दौर में लाखों लोग घर बैठे ही लाभान्वित हुए, यही इस शिक्षा पद्धति की विशेषता है. उन्होंने वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय द्वारा सकल नामांकन अनुपात में बढ़ोत्तरी के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की. की. राज्यपाल ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा में भविष्य की चुनौतियों और उनसे निपटने के प्रयासों और बाधाओं को दूर करने के बारे में विस्तृत रोड मैप बनाए जाने का सुझाव दिया.

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