शिक्षा मंत्रालय ( education ministry ) की ओर से प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को एक बड़ी राहत दी गई है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त प्रवेश परीक्षा ( JEE ) मेन में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के लिए 75 फीसदी मार्क्स के क्राइटेरिया को खत्म करने का फैसला लिया गया है. देश के लाखों छात्रों की मांग के चलते शिक्षा मंत्रालय की ओर से यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले के बाद सभी बोर्डों के टॉप-20 पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले छात्र जेईई मेन परीक्षा में आवेदन करने योग्य होंगे.
मंत्रालय द्वारा दी गई राहत के बाद नहीं पड़ेगी 75 फीसदी मार्क्स की आवश्यकता
शिक्षा मंत्रालय द्वारा सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड, बिहार बोर्ड, उत्तरप्रदेश बोर्ड, राजस्थान बोर्ड सहित देश के सभी शिक्षा बोर्ड के टॉप-20 पर्सेंटाइल छात्र को यह राहत दी गई है. मंत्रालय द्वारा दी गई राहत के बाद अगर छात्र 12वीं बोर्ड परीक्षा में अपने बोर्ड के टॉप-20 पर्सेंटाइल में आते हैं तो आईआईटी, जेईई परीक्षा देने के लिए बोर्ड में 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता नहीं रहेगी. कम मार्क्स आने पर भी छात्र जेईई एडवांस्ड परीक्षा दे सकेंगे. हालांकि परीक्षा में शामिल होने के लिए जेईई मेन परीक्षा में टॉप ढाई लाख ( 2.5 लाख) केंडिडेट्स में शामिल हों.
मंत्रालय के फैसले के बाद इन छात्रों को मिलेगी राहत
शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले के बाद देश के उन सैंकड़ों छात्रों को राहत मिलेगी जिन्होंने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं. गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों के बोर्ड में टॉप-20 पर्सेंटाइल में शामिल छात्र 75 फीसदी अंक हासिल नहीं कर पाते हैं. जिसकी वजह है सख्त मार्किंग पद्धति. इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय की ओर से फैसला लिया गया है.
कोर्ट का परीक्षा टालने से इनकार, अप्रैल में मिलेगा एक और मौका
तो वहीं दूसरी ओर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जनवरी में आयोजित होने जा रही जेईई मेन 2023 परीक्षा को स्थगित करने की याचिका पर रोक का आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने साफ इनकार करते हुए कहा कि अभी ऐसी कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है जिसके चलते परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा की अगर कोई छात्र जनवरी की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है तो वो अप्रैल सेशन में उपस्थित हो सकता है.