शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश, इन शिक्षा कर्मियों की सेवाएं ली जाएंगी शिक्षा विभाग में

शिक्षा विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है. जिसके अंतर्गत राजस्थान के शिक्षाकर्मी बोर्ड के तहत कार्यरत शिक्षाकर्मियों की सेवाएं अब शिक्षा विभाग में ली जाएंगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं. शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इन कार्मिकों को अब संविदा पर स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा. इसमें वरिष्ठतम शिक्षाकर्मी, वरिष्ठ शिक्षाकर्मी और सामान्य शिक्षाकर्मियों को 5 साल के लिए संविदा के आधार पर विद्यालय पंचायत सहायक के रूप में नियुक्ति दी जाएगी

शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए किया गया था गठन

यहां अब हम बात करने जा रहे हैं आखिर क्या है शिक्षा कर्मी बोर्ड. राजस्थान में शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए राजस्थान शिक्षाकर्मी परियोजना की शुरुआत करीब 39 साल पहले यानी साल 1984 में किया गया था.  निदेशालय प्रौढ़ शिक्षा जिसे वर्तमान में निदेशालय साक्षरता एवं सतत शिक्षा कहा जाता है के प्रशासनिक नियंत्रण में  पंचायत समिति किशनगढ़ और दूदू में प्रायोगिक तौर पर प्रारम्भ किया गया था. राजस्थान में इससे सकारात्मक परिणाम सामने आए.

1987 में अलग से शिक्षा कर्मी बोर्ड का किया गया गठन

महज 3 सालों में ही इस योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगा. जिसके बाद साल 1987 में शिक्षाकर्मी परियोजना के संचालन के लिए अलग से राजस्थान शिक्षाकर्मी बोर्ड का गठन किया गया, शुरुआत में शिक्षाकर्मी परियोजना में राज्य के दूरस्थ और समस्याग्रस्त राजकीय विद्यालयों का अधिग्रहण कर उसमें शिक्षाकर्मी योजना के तहत स्थानीय गांव के शिक्षित युवक-युवतियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें  शिक्षाकर्मी के पद पर समाज सेवा करने की स्वीकृति प्रदान की जाती थी. इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत चयन किया जाता था. 

2005 से बजट उपलब्ध करवाना हुआ शुरू

साल 1987 से जून 2005 तक शिक्षाकर्मी परियोजना का संचालन विदेशी सहायता और राजस्थान सरकार से प्राप्त अनुदान से हो रहा था. जुलाई 2005 के बाद से लगातार सरकार के  गैर आयोजना मद से इसके लिए बजट उपलब्ध करवाया जा  रहा था.

दिसम्बर 2022 में किया गया भंग

1987 में गठित किए गए शिक्षा कर्मी बोर्ड को सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भंग कर दिया था.  शिक्षाकर्मी बोर्ड की अधिशासी बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया. जिसकी पालना में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे. निदेशालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार शिक्षाकर्मी बोर्ड को भंग कर उसे राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में समायोजित करने का निर्णय लिया गया गया था और बोर्ड में सृजित सभी पदों को भी समाप्त कर दिया गया था.

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img