वनस्थली विद्यापीठ में 87वाँ वार्षिकोत्सव, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहे मुख्य अतिथि 

वनस्थली विद्यापीठ का 24 मार्च को 87वां वार्षिक उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की. सुबह 11 बजे हवाई क्षेत्र पर पहुंचने के बाद विद्यापीठ की छात्राओं ने पारम्परिक तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तिलक लगाकर स्वागत किया. स्वागत द्वार पर वनस्थली सेवा दल के बैंड द्वारा मुख्य अतिथि को सलामी दी गयी.

कुलपति प्रो. ईना आदित्य शास्त्री ने वार्षिक प्रतिवेदन किया पेश

वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में कुलपति प्रो. ईना आदित्य शास्त्री ने वार्षिक प्रतिवेदन पेश किया. प्रो शास्त्री ने बताया कि वनस्थली में जो कार्य 1935 में 5 बालिकाओं से शुरू हुआ था वो कारवां आज 18 हजार मेधावी छात्राओं तक पहुंच चुका है. इसके साथ ही विद्यापीठ अपनी जिम्मेदारी बखूबी महिला शिक्षा के क्षेत्र में निभा रहा है. पिछले साल 24 नये छात्रावासों का निर्माण, आधुनिकरण, विस्तार एवं विभागों के संसाधानों में बढ़ोतरी हुई है. 

छात्राएं भाग्यशाली हैं जो इस शिक्षण क्षेत्र में कर रहीं अध्ययन- अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप बहुत भाग्यशाली है कि जो वनस्थली में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. पूरे विश्व में वनस्थली से बड़ी आवासीय विश्वविद्यालय नहीं है. यहां की शिक्षा पद्धति की प्रशंसा महात्मा गांधी और पं.जवाहरलाल ने की है. 87 वषों से यह संस्था कार्यरत है. इस दौरान नेहरू जी दो बार, इंदिरा जी 3 बार वनस्थली आए हैं. केवल यही ही नहीं सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजगोपालाचार्य , ज्ञानी जैलसिंह, डॉ. मनमोहन सिंह, श्री प्रणव मुखर्जी आदि भी समय समय पर यहां आते रहे हैं. यह संस्थान जहां हम बैठे है गौरवशाली तो है ही और हम भी यहां आकर गौरवान्वित होते है. पं. हीरालाल शास्त्री, रतन शास्त्री, शांताबाई को मैं नमन करता हूं. यहां से शिक्षा प्राप्त कर सुमित्रा सिंह, कमला बेनीवाल जैसी महान हस्ती भारतीय राजनीति को नेतृत्व दिया है. यह मामूली संस्था नहीं है. भारतवर्ष के प्रत्येक छात्रा यहां प्रवेश के लिए ललायित रहती है. 

मुख्यमंत्री ने संबोधन में नेलसन मंडेला का किया जिक्र

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेलसन मण्डेला का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है. जिससे आप दुनिया बदल सकते है. वनस्थली का लम्बा इतिहास रहा है. आठ दशकों से छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर नेतृत्व क्षमता का विकास में संलग्न है. आप यहां पर सादगीपूर्ण तरीके से भविष्य की ट्रैंनिद पा रही है. यहां की छात्राऐं भारत की विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय मुकाम हासिल कर वनस्थली का नाम रोशन कर रही है.

पूर्व कुलपति प्रो. आदित्य शास्त्री को किया नमन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वनस्थली विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आदित्य शास्त्री को भी याद करते हुए उन्हें नमन किया. इसके साथ ही महिला शिक्षा के उत्थान के सरकारी प्रयासों का जिक्र किया और विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक सरकार द्वारा किये जा कार्यों का उल्लेख किया. इसके साथ साथ अंग्रेजी शिक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी शिक्षा बहुत आवश्यक है. इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में अंग्रेजी माध्यमों के विद्यालयों की स्थापना की जा रही है. महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की बढ़ती हुई संख्या का भी उल्लेख किया जिनमें से अधिकांश महिला शिक्षा पर आधारित है. 

छात्राओं से किया आह्वान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप भी संसद में पहुंचने के लिए अपने आप को तैयार कर लिजिए. क्योंकि हमारा यह मत है संसद में महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए. आपके कंधो पर लोकतंत्र को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है, किसी भी कीमत पर देश की अखंड़ता सुरक्षित रहनी चाहिए. लोकतंत्र मजबूत होगा तो कमजोर का न्याय मिलेगा. अंत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वनस्थली की परेड की छात्राओं को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए शुभकामना दी.

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