जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डिज़ाइन ने पेंसिल बॉक्स डिज़ाइन के सहयोग से आयोजित की “नयापन दोबारा” और “यो प्रदर्शनम्॒”. 2 अप्रैल तक जेकेके में चलने वाली इन प्रदर्शनियों के द्वारा डिजाइन के छात्र अपनी रचनाओं से दर्शकों को आकर्षित कर रहें हैं.
“नयापन” अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी
‘नयापन’ अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी होगी जहां ह्यूमर को क्रिएटिव डिजाइंस द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है. इस प्रदर्शनी में सुनने में एक जैसे पर अर्थ में भिन्न शब्दों के कुशल प्रयोग से दर्शकों को हंसाने का प्रयास किया जा रहा है. जैसे सदाबहार अभिनेता दिलीप कुमार के जन्मदिन 29 फरवरी (leap year) को उनके नाम से जोड़कर ‘The Leap Kumar’ द्वारा प्रदर्शित किया गया. तो वहीं डिज़ाइन स्टूडेंट चेष्टा शर्मा ने पेट्रोल के बढ़ते दाम पर अपनी डिज़ाइन द्वारा व्यंग करते लिखा ‘आज कल petrol डलवाने जाओ तो तेल निकल जाता हैं’.
स्टैंड-अप कॉमेडियन रवि गुप्ता ने गुदगुदाया
एग्जिबिशन के शुभारंभ में मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन रवि गुप्ता भी शामिल हुए. रवि गुप्ता ने अपने हंसगुल्लो से दर्शकों को दिल खोलकर हंसने पर मजबूर किया. एग्जीबिशन के मुख्य अतिथि जाने-माने हास्य कवि संजय झाला रहे.
संस्कृत भाषा के प्रसार के लिए प्रदर्शनी आयोजित
इसी के साथ भारत की विरासत और विश्व की सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक संस्कृत के युवाओं में प्रसार के लिए ‘यो प्रदर्शनम्॒’ आयोजित की जा रहीं है. इस प्रदर्शनी के द्वारा आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग होने वाले शब्दों जैसे ‘फट्टू’ के संस्कृत पर्याय ‘कृपण’, ‘fomo’ के संस्कृत पर्याय ‘नष्टभयम्’ और ‘LOL’ की जगह ‘अट्ठहास:’ शब्द का प्रयोग करने का संदेश दिया गया.
प्रदर्शनी का महत्व किया गया साझा
प्रदर्शनी के संरक्षक अनुराग एस फाउंडर पेंसिल बॉक्स डिजाइन ने बताया कि कैसे यह प्रदर्शनी भारत की इस भाषा को जीवंत रखने में मदद करेगी. एग्जिबिशन के सफल आयोजन लिए जेईसीआरसी स्कूल ऑफ डिजाइन के ‘द पैलेस स्कूल’ और ‘अन्नत्य स्कूल’ से भी पार्टनर किया है. जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस यूनिक इनिशिएटिव से जुड़ पाए.
अर्पित अग्रवाल ने बताई प्रासंगिकता
अर्पित अग्रवाल, वाइस चेयरपर्सन, जेईसीआरसी ने ऐसी प्रदर्शनियां को जनता के लिए कला और विचारों का उत्प्रेरक बताया वहीं शिवानी कौशिक,डीन, स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन ने इसे कला को प्रदर्शित करने और इसे प्रासंगिक बनाने का अहम मौका बताया. प्रदर्शनियां छात्रों को थ्योरी से हटकर अपने प्रैक्टिकल नॉलेज का प्रयोग करने में एक अहम भूमिका निभाती है. और उसके साथ ह्यूमर और संस्कृत का प्रसार करना वाकई एक सराहनीय प्रयास हैं.