महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर का तृतीय दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. दीक्षांत समारोह में उन्होंने साल 2020 के शेष रहे तथा वर्ष 2021 के 40 हजार 541 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गई. वहीं एक कुलाधिपति पदक, समाज द्वारा प्रदत्त 3 पदक, 31 स्वर्ण तथा 10 रजत पदकों सहित कुल 45 पदक भी प्रदान किए. दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल कलराज मिश्र ने विद्यार्थियों को निरंतर नया सीखने और आगे बढ़ने का आह्वान किया. साथ ही नई शिक्षा नीति के अंतर्गत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का हो प्रभावी क्रियान्वयन की बात भी कही
सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षा का महत्व- कलराज मिश्र
राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षा की महती भूमिका बताते हुए विश्वविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ विद्यार्थियों के कौशल विकास पर भी अधिकाधिक ध्यान दिए जाने का आह्वान किया है. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रमों का निर्माण कर उनका प्रभावी प्रसार करे जिससे विद्यार्थी निरंतर नया सीखने और व्यावसायिक दृष्टि से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रवृत्त हो सके.
सीखना ही शिक्षा का विज्ञान होना चाहिए- राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने सबके लिए आसान पहुंच, गुणवत्ता के साथ जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया. राज्यपाल ने कहा कि सीखना ही शिक्षा का विज्ञान होना चाहिए. राज्यपाल ने विश्विविद्यालयों को पढ़ाने की अपनी भूमिका के साथ समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए युवाओं के मार्गदर्शन के लिए भी निरंतर कार्य किए जाने का आह्वान किया. राज्यपाल ने प्राचीन भारत के नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे प्रख्यात विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जीवन से जुड़ी व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करते थे. इसी बात की आज भी जरूरत है. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय को शोध एवं अनुसंधान की मौलिक संस्कृति का विकास करे. इसके साथ ही स्थानीय इतिहास, कला और संस्कृति से जुड़े ऐसे विषयों पर शोध को भी यहां प्रोत्साहन मिले जिससे विद्यार्थी अपने पुरातन वैभव को सहेज कर आधुनिक दृष्टि से उनका उपयोग करने में सक्षम हो सके. राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के जरिए ऐसा शिक्षा मॉडल विकसित करने पर भी जोर दिया जिससे जिससे न केवल मस्तिष्क विकसित हो बल्कि युवाओं की सकारात्मक मानसिकता भी बने.
समारोह में कई गणमान्य रहे मौजूद
समारोह में नोबेल अवार्ड विजेता प्रो. रोजर डी कार्नवर्ब, नोबल लॉरियट, स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका, प्रो. वेद प्रकाश नंदा, डेनवर विश्वविद्यालय, कोलोराडो-संयुक्त अमेरिका, डॉ. दायसादू इकेता, अध्यक्ष सेका गाकी इंटरनेशनल जपान, आर. वेंकटरमणी, अटॉर्नी जनरल ऑफ इण्डिया भारत सरकार, न्यायमूर्ति डॉ. दलवीर भण्डारी, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस,हेग, नीदरलैंड को मानद डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान की गई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह सभी अपने अपने क्षेत्र के मूर्धन्य विद्वान हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन सबके विश्वविद्यालय से जुड़ाव से अकादमिक स्तर पर विश्वविद्यालय नये आयाम स्थापित करेगा