महात्मा ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह कल, पद्मश्री ओम प्रकाश गांधी,अवनि लेखरा,शिवदत्त मिश्रा को मिलेगी मानद उपाधि

महात्मा ज्योतिराव फुले यूनिवर्सिटी जयपुर का 7वां दीक्षांत समारोह 28 जनवरी को सुबह 10.30 बजे अचरोल स्थिति यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित किया जाएगा.दीक्षांत समारोह में पद्मश्री से सम्मानित हरियाणा के प्रसिद्ध समाजसेवी ओम प्रकाश गांधी (बालिका शिक्षा), जयपुर निवासी पैरालंपिक में गोल्ड मेडल विजेता पद्मश्री अवनि लेखरा और बनारस के प्रसिद्ध ठुमरी गायक व संतूर वादक पद्मश्री शिवनाथ मिश्रा को पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.

15 सौ छात्रों को किया जाएगा डिग्री का वितरण

महात्मा ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन निर्मल पंवार ने बताया कि 7वें दीक्षांत समारोह में साल 2021 के बैच के करीब 1500 पोस्ट ग्रेजुएशन और ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों को डिग्री दी जाएगी. समारोह में 25 शोधकर्ताओं को पीएचडी. उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के 65 मेधावी टॉपर स्टूडेंट्स को गोल्ड, 60 स्टूडेंट्स को सिल्वर मेडल और 11 स्टूडेंट्स को चेयरपर्सन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा.

मानद उपाधि अकादमिक सम्मान

यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन निर्मल पंवार ने बताया कि किसी शख्सियत को उसके उत्कृष्ट कार्य या समाज में बेहतरीन योगदान देने के लिए ऑनरेरी डिग्री (मानद उपाधि) दी जाती है. यह एक तरह से अकादमिक सम्मान है. जिससे संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रेरणा मिले और उनमें बेहतर सामाजिक कार्य करने का जज्बा कायम हो सके. इसलिए एमजेआरपी विवि यह मानद उपाधि हर वर्ष ऐसी शख्सियतों को प्रदान करता है.

इन तीन पदमश्री शख्सियतों को मिलेगी पीएचडी की मानद उपाधि

1- ओमप्रकाश गांधी –  हरियाणा के यमुनानगर जिले निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर ओम प्रकाश गांधी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार नारी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए दिया गया
2- अवनि लेखरा – पैरा ओलंपिक 2020 में देश को एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली जयपुर निवासी अवनी लेखरा को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है. अवनि देश की सबसे युवा पैरा खिलाड़ी है.
3- पंडित शिवनाथ मिश्रा – बनारस घराने के ख्यात सितार विद पं. शिवनाथ मिश्रा को पद्मश्री से विभूषित किया गया. उन्हें यह सम्मान कला के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए दिया गया. उन्हें पद्मश्री बनारस घराने के सितार वादन एवं ठुमरी गायन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए दिया गया.

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