नई शिक्षा नीति 2020 तथा अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अध्यक्ष माननीय न्यायाधिपति नरेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता में मंगलवार 2 मई को सुबह मदरसा बोर्ड भवन के मदरसा बोर्ड सभागार में बैठक आयोजित की गई. बैठक में अल्पसंख्यक समाज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इन प्रतिनिधियों ने अपने- अपने समाज की समस्याओं से न्यायाधिपति को अवगत करवाया व नईशिक्षा नीति के बारे में जान अपने सुझाव व्यक्त किए.
नई शिक्षा नीति देश की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई- जस्टिस एनके जैन
इस दौरान न्यायाधिपति नरेन्द्र कुमार जैन ने कहा की नई शिक्षा नीति देश की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. प्रतिस्पर्धा के इस दौर में धार्मिक शिक्षा के साथ बुनियादी शिक्षा भी ज़रूरी है, पढ़ – लिखकर बच्चे देश की तरक्की में हिस्सेदार बनें इसका हमे निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए और यह हमारा कर्तव्य भी है.
पाठ्यक्रम में हटाए गए मुस्लमानों के इतिहास पर किया जाए पुनर्विचार- एमडी चौपदार
बैठक में उपस्तिथ राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष एम डी चौपदार ने कहा की “ नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम से हटाये जा रहे मुगलों के इतिहास के बारे में केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. इस तरह के निर्णय से अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज में केंद्र सरकार के प्रति नाराज़गी है. इसलिए केन्द्र सरकार को फिर से इस पर विचार करते हुए फैसला लेना चाहिए. साथ ही पाठ्यक्रम से मुस्लमानों के जिस इतिहास को हटाया गया है उसको फिर से जोड़ना चाहिए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक समाज के कल्याण में की मदद- चौपदार
एमडी चौपदार ने मदरसा आधुनिकीकरण पर बात करते हुए कहा की “ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक समाज के कल्याण के लिए हमेशा मदद की है. मदरसा आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा दिये गये फण्ड के लिए में उनका आभार व्यक्त करता हूं. राजस्थान मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते में राजस्थान के मदरसा में आधुनिकीकरण व बुनियादी सुविधा एव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं. मदरसा में स्मार्ट क्लासेज़ का काम मुसलसल जारी है, साथ ही मदरसा पैराटीचर्स की स्क्रीनिंग भी चल रही है ताकि जिन मदरसा में पैराटीचर्स की कमी थी वहाँ शीघ्र ही पैराटीचर्स को लगाया जाये.
विभागीय अधिकारी बैठक में रहे मौजूद
बैठक में अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक जामिल अहमद कुरैशी, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हरदीप सिंह चहल, पिंकी ग्रोवर, रफ़ीक कुरैशी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्तिथ रहे