नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले पीजी स्ट्रीम के विद्यार्थियों के लिए संचालित किए जाने वाले डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम ( DRP ) को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. एनएमसी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए 7 मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी किया है. स्थिति स्पष्ट करने के बाद साफ हो गया है की निजी मेडिकल कॉलेजों और डिम्ड यूनिवर्सिटी में पीजी विद्यार्थियों के लिए अब होगा डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम
इसको लेकर पूछे जा रहे थे सवाल
पिछले कुछ समय से लगातार देखने को मिल रहा था की डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम को लेकर लगातार एनएमसी से सवाल पूछे जा रहे थे. इन्हीं सवालों का जवाब देते हुए एनएमसी की ओर से 7 बिंदुओं को लेकर डीआरपी के बारे में स्पष्टीकरण जारी कर किया है. स्पष्टिकरण में कमीशन ने साफ किया है कि डीआरपी सरकारी कॉलेजों के साथ निजी मेडिकल कॉलेजों और डिम्ड विश्वविद्यालय में भी लागू होगा.
100 से कम बेड वाले मेडिकल कॉलेजों में प्रोग्राम नहीं होगा लागू
एनएमसी ने 7 बिंदुओं का जो स्पष्टिकरण जारी किया गया है उसमें साफ किया गया है की 100 बेड से कम मेडिकल कॉलेज में प्रोग्राम संचालित नहीं किया जाएगा. राज्य सराकर को ही पीजी विद्यार्थियों के रहने व आने-जाने की व्यवस्था करनी होगी. वहीं महिला पीजी विद्यार्थियों की सुरक्षा का ध्यान भी राज्य सरकार को ही रखना होगा. अगर कोई अस्पताल, संबंधित मेडिकल कॉलेज से नहीं जुड़ा है तो वहां के पीजी विद्यार्थियों को भी तीन महीने का यह ट्रेनिंग प्रोग्राम करना अनिवार्य होगा.
2021 के बाद के विद्यार्थियों पर होगा लागू. कोराना के चलते हुई देरी
यह नियम साल 2020 में लागू किया जाना था. लेकिन कोरोना के चलते इस कार्यक्रम को लागू करने में देरी हुई. कोरोना के चलते चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव देखने को मिला तो वहीं पीजी विद्यार्थियों की ड्यूटी भी कोरोना के दौरान लगाई गई. जिसके बाद अब यह प्रोग्राम 2023 में लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही एनएमसी ने साफ किया है की प्रत्येक कॉलेज को इस प्रोग्राम की सख्ती से पालना करनी होगी. साथ ही साल 2021 के बाद मेडिकल कॉलेज की पीजी स्ट्रीम में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों पर यह लागू होगा