प्रदेश की सरकारी स्कूलों में पहली बार सृजित किए गए उप प्राचार्य पदों पर डीपीसी प्रक्रिया सम्पन्न की जा चुकी है. राजस्थान लोक सेवा आयोग में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 10 हजार 96 पदों पर नियमित डीपीसी का आयोजन किया गया. आरपीएससी स्तर पर अब तक किसी भी विभाग या पद पर आयोजित की गई यह सबसे बड़ी डीपीसी हुई है. जिसके चलते डीपीसी के मामले में आयोग द्वारा एक रिकॉर्ड स्थापित हो चुका है. 10 हजार 96 पदों पर डीपीसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षकों के एक वर्ग ने जहां खुशी के चलते पटाखे छोड़े तो वहीं दूसरे वर्ग ने निराशा भी जताई है.
9 हजार 998 पदों पर चयन की अभिषंशा
आयोग सदस्य डॉ जसवंत सिंह राठी की अध्यक्षता में आयोजित डीपीसी बैठक में उप प्राचार्य एवं समकक्ष पदों पर पदोन्नति के लिए वर्ष 2022-23 के 10 हजार 96 प्रकरणों पर विचार किया गया. जिनमें से कुल 9 हजार 998 पदों पर समिति द्वारा चयन की अभिशंषा की गई है
डीपीसी पूरी होने के बाद शिक्षकों ने छोड़े पटाखे
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से डीपीसी प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद राजधानी जयपुर में शिक्षकों ने अपनी खुशी का इजहार किया. शिक्षक संगठन रेसला के बैनर तले शिक्षा संकुल के बाहर बड़ी संख्या में व्याख्याता जुटे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. इसके साथ ही शिक्षा संकुल के मुख्य गेट पर पटाखे छोड़कर खुशी का इजहार किया. इसके साथ ही रेसला महामंत्री डॉ. अशोक जाट सहित तमाम व्याख्याताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला, जाहिदा खान, लोक सेवा आयोग सदस्य डॉ जसवंत राठी सहित निदेशक माध्यमिक शिक्षा, संयुक्त सचिव शिक्षा ग्रुप-2 व निदेशालय की टीम का आभार जताया.
वहीं दूसरे वर्ग में छाई निराशा
शिक्षा विभाग की ओर से उप प्राचार्य पदों के सृजन में सभी पदों को पदोन्नति से भरने का प्रावधान रखा गया. जिसका विरोध शुरू से ही देखने को मिला, प्रदेश के सैकंड ग्रेड शिक्षक, थर्ड ग्रेड शिक्षकों के साथ ही निजी सेक्टर में योग्यता प्राप्त शिक्षकों ने उप प्राचार्य के आधे पदों को पदोन्नति तो आधे पदों को भर्ती के माध्यम से भरने की गुहार लगाई थी. अपनी मांग को लेकर कई बार आंदोलन का रास्ता भी अपनाया था. लेकिन सरकार द्वारा सुनवाई नहीं होने से इन शिक्षकों ने निराशा जताई है.
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से डीपीसी प्रक्रिया पूरी कर चयन की अभिशंषा भेजी जा चुकी है. लेकिन इसके बाद भी उप प्राचार्य सीधी भर्ती संघर्ष समिति ने आगे भी अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.