फीस बढ़ोतरी का जिन्न निकला बोतल से बाहर, अभिभावक उतरे विरोध में

राजस्थान में एक बार फिर निजी स्कूलों की मनमानी नये सत्र से साथ शुरू होती हुई नजर आ रही है. हर साल नया सत्र शुरू होने के साथ निजी स्कूलों द्वारा मनमाने रूप से फीस बढ़ोतरी के मामले देखने को मिल ही जाते हैं. और सत्र 2023-24 से पहले एक बार फिर से निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने के मामले सामने आने लगे हैं. नये सत्र में फीस बढ़ोतरी का पहला मामला सामने आया है राजधानी जयपुर के नामी स्कूल रुक्मणी बिड़ला मॉर्डन हाई स्कूल का. जहां करीब 30 फीसदी तक फीस बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके विरोध में अभिभावक उतर चुके हैं.

रुक्मणी बिड़ला स्कूल के बाहर अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

नया सत्र शुरू होने के साथ ही रुक्मणी बिड़ला स्कूल में करीब 30 फीसदी तक फीस बढ़ोतरी करने का मामला सामने आया है. फीस बढ़ोतरी के स्कूल प्रशासन के फैसले के बाद अभिभावकों ने विरोध शुरू कर दिया है. 1 अप्रैल शनिवार को बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल के बाहर जुटे और विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही फीस बढ़ोतरी के आदेश को वापस लेने की मांग की.

15 दिनों से स्कूल के चक्कर काट रहे अभिभावक

स्कूल के बाहर एकत्रित हुए अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा की स्कूल द्वारा मनमाने रूप से फीस बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. जबकि इसकी सूचना अभिभावकों को पहले नहीं दी गई. पिछले 15 दिनों से अभिभावक स्कूल प्रबंधन से वार्ता की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन स्कूल प्रशासन वार्ता के लिए तैयार नहीं है. अगर बढ़ी हुई फीस को वापस लेने का फैसला नहीं लिया जाता है तो विरोध किया जाएगा.

अभिभावकों ने मीटिंग कर विरोध का लिया फैसला

स्कूल के बाहर प्रदर्शन करने के बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने एक मीटिंग रखी. साथ ही फीस बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों ने आंदोलन का फैसला लिया है. अभिभावकों ने चेतावनी दी है की अगर स्कूल प्रशासन द्वारा बढ़ी हुई फीस के आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से करने के साथ ही स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

कोराना में सबसे ज्यादा मामला आए सामने

गौरतलब है की पिछले करीब 5 सालों से फीस का जिन्न हर साल बोतल से बाहर निकलता है. प्रदेश के हर नामी स्कूल द्वारा फीस बढ़ोतरी का विरोध देखने को मिला. यहां तक जब कोरोना काल में लोगों की नौकरी जा रही थी. आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा था उस दौरान भी निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान नजर आए थे. कोरोना काल के दौरान भी अभिभावकों ने सड़कों पर उतरकर फीस बढ़ोतरी का विरोध किया था.

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