कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा बदलने में किसी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. पिछले कुछ समय से जहां शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या में लगातार इजाफा किया जा रहा है तो वहीं स्कूलों को लगातार क्रमोन्नति के आदेश भी जारी किए जा रहे हैं. सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ ही अब स्कूलों की मरम्मत को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 120 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है. जिसके तहत प्रदेश की 1923 स्कूलों में जीर्णोद्धार कार्यों के साथ ही मरम्मत कार्य किए जाएंगे.
1923 राजकीय स्कूलों में होगा मरम्मत कार्य
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की 1923 राजकीय स्कूलों में विशेष मरम्मत कार्यों के लिए 120 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति दी है. यह 120 करोड़ रुपये की राशि कम्पोजिट स्कूल ग्रांट से मरम्मत में बाकि रहे स्कूलों के लिए यह वित्तीय स्वीकृति जारी गई है. इस राशि से 1923 राजकीय स्कूलों में मरम्मत का कार्य किया जाएगा. गौरतलब है कि राजस्थान के सभी स्कूलों को समग्र शिक्षा के अंतर्गत कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट के तहत नामांकन के आधार पर राशि दी जाती है. इस राशि के तहत हर साल 10 हजार रुपये से 1 लाख रुपए तक हस्तांतरित किए जाते हैं. स्वीकृत की जाने वाली इस राशि से सरकारी स्कूलों में पेयजल व्यवस्था, बिजली खर्च, इंटरनेट संबंधित कार्यों के साथ-साथ विद्यालयों में मरम्मत कार्य किए जाते हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अहम फैसले
प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ ही मूलभूत सुविधाएं देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शिक्षा के स्तर को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में अहम निर्णय लिए जा रहे हैं. राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए लव-कुश वाटिका, विद्यार्थियों को सप्ताह में 2 दिन दूध के लिए मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना, निःशुल्क यूनिफॉर्म के लिए मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म योजना सहित कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं.