लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के चलते भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के मानकों को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. भारत में अगर बात की जाए तो करीब 62 फीसदी यूनिवर्सिटी और करीब 78 फीसदी कॉलेजों के पास नेक की मान्यता तक नहीं है. ऐसे में अगर देश में बात की जाए तो महज 38 फीसदी यूनिवर्सिटी और महज 22 फीसदी कॉलेज ही नेक की मान्यता के साथ संचालित हो रहे हैं.
लोकसभा में पूछे गए सवाल पर तथ्य आए सामने
लोकसभा में सवाल पूछा गया की क्या देश के कई शिक्षण संस्थान बिना नैक की मान्यता के चल रहे हैं. तो सामने आया की देश में संचालित 1 हजार 113 यूनिवर्सिटी में से 695 यूनिवर्सिटी और 43 हजार 796 कॉलेजों में से 34 हजार 734 कॉलेजों के पास नैक की मान्यता तक नहीं है. इसका मतलब है की करीब 62 फीसदी यूनिवर्सिटी और 78 फीसदी कॉलेजों के पास नैक की मान्यता नहीं है.
उच्च शिक्षा में सुधार के लिए नैक की मान्यता जरूरी
यूजीसी ने उच्च शिक्षा में सुधार के लिए नैक की मान्यता लेना अनिवार्य किया था. इसके तहत 7 मानक जिसमें करिकुलम, टीचिंग लर्निंग, रिसर्च गवर्नेंस लीडरशिप और इनोवेशन बेस प्रेक्टिस तय किए गए थे. अगर इन 7 पैमानों पर कोई उच्च शिक्षण संस्थान खरा उतरता है तो ही उसे नैक की मान्यता दी जाती है. अगर इन 7 पैमानों में से किसी एक पैमाने पर भी उच्च शिक्षण संस्थान खरा नहीं उतरता है तो ऐसे मेंं यूजीसी द्वारा ऐसे कॉलेज या यूनिवर्सिटी को नैक की मान्यता नहीं दी जाती है.
स्टार्टअप में राजस्थान टॉप-10 में शामिल
स्टार्टअप के तहत नौकरियां देने की अगर बात की जाए तो लोकसभा में पूछे गए सवाल में सामने आया की स्टार्टअप के तहत नौकरियां देने में राजस्थान 10वें पायदान पर काबिज है. 51 हजार 357 नौकरियों के साथ जहां महाराष्ट्र पहले नम्बर पर काबिज है तो वहीं दिल्ली 30 हजार 83, कर्नाटक 24 हजार 487, गुजरात 23 हजार 832, उत्तर प्रदेश 22 हजार 969, तमिलनाडु 17 हजार 191, तेलंगाना 14 हजार 187, हरियाणा 13 हजार 713, मध्यप्रदेश 11 हजार 752 और राजस्थान 11 हजार 640 नौकरियां स्टार्टअप ने दी है.