राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 7 और 8 जनवरी को आयोजित होने वाली समान पात्रता परीक्षा ( सीईटी स्नातक स्तर ) परीक्षा के पहले दिन 7 जनवरी को दो पारियों में परीक्षा का आयोजन किया गया. सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक पहली पारी तो दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक दूसरी पारी की परीक्षा का आयोजन किया गया. सुबह की पारी में जहां उपस्थिति 69.98 फीसदी रही तो वहीं दूसरी पारी की उपस्थिति 74.25 फीसदी रही.
प्रदेश के 10 जिला मुख्यालयों पर आयोजित हुई परीक्षा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश के 10 जिला मुख्यालयों पर परीक्षा का आयोजन हुआ. जिसमें अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, श्रीगंगानगर एवं उदयपुर में परीक्षा का आयोजन हुआ. पहली परीक्षा में 2 लाख 81 हजार 915 परीक्षार्थी पंजीकृत थे तो वहीं दूसरी पारी की परीक्षा में भी 2 लाख 81 हजार 915 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. पहली पारी में उपस्थिति 69.98 फीसदी रही तो वहीं दूसरी पारी में उपस्थिति 74.25 फीसदी रही. परीक्षा के दौरान राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा और अन्य सदस्यों ने कई परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
सभी 10 जिलों में उपस्थिति 65 फीसदी से रही ज्यादा
पहली पारी में जहां उपस्थिति 69.98 फीसदी रही, तो वहीं सबसे ज्यादा पहली पारी की उपस्थिति उदयपुर में 78.38 फीसदी रही. इसके साथ ही अजमेर 65.73 फीसदी. अलवर 70.99 फीसदी. भरतपुर 70.28 फीसदी. भीलवाड़ा 71.88 फीसदी. बीकानेर 66.17 फीसदी. जयपुर 69.29 फीसदी. जोधपुर 69.13 फीसदी. कोटा 67.93 फीसदी. श्रीगंगानगर 67.94 फीसदी उपस्थिति रही
दूसरी पारी में भी उदयपुर में सबसे ज्यादा 82.08 फीसदी उपस्थिति रही. इसके साथ ही अजमेर 69.42 फीसदी. अलवर 76.15 फीसदी. भरतपुर 75.20 फीसदी. भीलवाड़ा 77.75 फीसदी. बीकानेर 68.13 फीसदी. जयपुर 73.30 फीसदी. जोधपुर 73.52 फीसदी. कोटा 74.53 फीसदी. श्रीगंगानगर 72.08 फीसदी उपस्थिति रही
सुबह की पारी में भीषण सर्दी बनी परेशानी का सबब, इसलिए कम उपस्थिति की गई दर्ज
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित की गई सीईटी परीक्षा में परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले परीक्षा केन्द्र के गेट बंद कर दिए गए. सुबह 9 बजे जहां परीक्षा शुरू होनी थी तो वहीं 7.30 बजे तक परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र पर पहुंचना अनिवार्य रहा तो वहीं 8 बजे परीक्षा केन्द्रों के गेट बंद कर दिए गए. जिसके चलते परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों में प्रवेश नहीं दिया गया. हालांकि प्रवेश को लेकर कई जगहों पर परीक्षार्थियों को विरोध भी देखने को मिला.