महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एण्ड सोशल साइन्सेज, जयपुर द्वारा 13 फरवरी को 16वें गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया. गांधी दर्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा मौजूद रहे. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार प्रो नरेन्द्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि के रूप में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के शिक्षाविद प्रो. एम.एल. बरेडा भी मौजूद रहे
गांधी ने संवाद को अपनी राजनीति का बनाया प्रमुख आधार- हरिप्रसाद शर्मा
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी ने संवाद को अपनी राजनीति का प्रमुख आधार बनाकर राष्ट्रीय आंदोलन को जन आंदोलन बना दिया. इसके साथ ही दुनिया के पराधीन राष्ट्रों के समक्ष आजादी का मार्ग प्रशस्त किया. आज युवा पीढ़ी को गांधी के विचारों को समझ कर उन्हे अपने व्यवहार का अंग बनाने के लिए इन को आत्मसात करना चाहिए. गांधी मूल्य ही वह विरासत है जो व्यक्ति, समाज और राजनीति तीनों स्तरों पर आज भी प्रासंगिक है.
गांधी विचार के साथ एक भाव भी है- प्रो. नरेन्द्र शर्मा
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे साहित्यकार प्रो. नरेन्द्र शर्मा ‘कुसुम’ ने कहा कि गांधी विचार के रूप में अमर है. गांधी विचार के साथ एक भाव भी है जो व्यक्ति की संवेदना को हृदय के स्तर पर जागृत करता है. प्रो. नरेन्द्र शर्मा ने ‘गांधी एक बार फिर आओ’ गीत के द्वारा गांधी की प्रासंगिकता को रेखांकित किया.
युवा पीढ़ी को मिले सही और प्रमाणिक जानकारी- प्रो. एमएल बरेड़ा
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के शिक्षाविद प्रो. एम.एल. बरेडा ने कहा कि युवा पीढ़ी तक सही और प्रमाणिक जानकारी सही समय पर पहुंचाने का समय आ गया है. संस्थान के निदेशक प्रो. बी. एम. शर्मा ने मोहनदास से महात्मा बनने के चरण के रूप में उनके दक्षिण अफ्रीकी प्रवास को युगान्तरकारी माना. शर्मा ने कहा कि अन्याय की तीव्रता का जो प्रतिकार गांधी ने अहिंसक प्रतिरोध के रूप में वहां किया वही मानव समाज की समस्याओं के लिए श्रेष्ठतम समाधान है. संस्थान के विशेषाधिकारी डॉ सौमित्र नाथ झा द्वारा आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि आज विद्यालय स्तर पर भी विद्यार्थियों को गांधी मूल्यों का प्रशिक्षण सही तरीके से दिया जाये तो हम युवा पीढ़ी में आक्रोश, आवेश, अवसाद को समाप्त करने की दिशा में पहल कर सकते है. कार्यक्रम का संचालन डॉ विकास नौटियाल द्वारा किया गया.