निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत प्रदेश के गैर-सरकारी स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली गई. शिक्षा संकुल में अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक राकेश कुमार गुप्ता ने राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में बटन दबाकर लॉटरी निकाली.
ऑनलाइन देखी जा सकती है पूरी जानकारी
आरटीई के तहत होने वाले प्रवेश की लाॅटरी एनआईसी द्वारा तैयार सिस्टम पर ऑनलाइन निकाली गई. लॉटरी में राजस्थान की गैर-सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए वरीयता का निर्धारण किया गया है. इसकी जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार के प्राइवेट स्कूल पोर्टल (www.rajpsp.nic.in) स्कूल पोर्टल पर ऑनलाइन देखी जा सकती है.
2 लाख से ज्यादा बच्चों ने किया आवेदन
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा आरटीई के तहत गैर-सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए जारी विज्ञापन के बाद 2 लाख 20 हजार 257 बालक एवं बालिकाओं के आवेदन शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए. इन बच्चों द्वारा 8 लाख 49 हजार 269 आवेदन पत्र भरे गए थे. आवेदन की अंतिम तिथि 13 फरवरी तक निर्धारित की गई थी. जिसके बाद 15 फरवरी को लॉटरी निकाली गई.
आगे प्रवेश का इस प्रकार रहेगा कार्यक्रम
आरटीई के तहत होने वाली निशुल्क सीटों पर प्रवेश के तहत लॉटरी के बाद अभिभावकों द्वारा 15 से 17 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन रिपोर्टिंग की जा सकेगी. गैर-सरकारी विद्यालयों द्वारा आवेदन पत्रों की जांच का कार्य 15 फरवरी से 20 फरवरी 2023 तक होगा. स्कूलों द्वारा आवेदन में संशोधन या रिजेक्ट किये जाने की स्थिति में अभिभावकों को इसकी शिकायत मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में करने का अधिकार होगा. यह शिकायत 15 से 24 फरवरी 2023 तक प्रस्तुत की जा सकेगी.
आवेदन पत्रों में किया जा सकेगा सुधार
किसी छात्र या छात्रा के आवेदन पत्र में संशोधन की स्थिति में उनके अभिभावकों द्वारा 15 फरवरी से 23 फरवरी 2023 तक वांछित कार्यवाही की जाएगी. गैर-सरकारी स्कूलों द्वारा संशोधित आवेदनों की पुनः जांच का कार्य 27 फरवरी 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. इसके बाद राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा 28 फरवरी 2023 को पोर्टल पर आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा.
25 फीसदी सीटों पर होता है प्रवेश
प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा के अधिकार के तहत आरटीई प्रक्रिया में शामिल होने वाली गैर सरकारी स्कूलों की प्रवेश कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. जिनका पूरा खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जाता है.
पिछले दिनों ही हुआ है बड़ा बदलाव
शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दिनों ही प्रवेश कक्षा को लेकर बड़ा बदलाव किया गया था. जहां पिछले तीन सालों से कक्षा 1 में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जा रहा था तो वहीं शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अब प्री-प्राइमरी कक्षा में प्रवेश शुरू किया है.