भारत का जब नाम आता है तो सबसे पहले विश्व के सबसे युवा देशों में भारत शुमार होता है. जहां देश की औसत आयु 29 वर्ष है. लेकिन जब युवाओं के एकदम खाली रहने की बात आती है तो ये आंकड़ा औसत आयु से भी कई गुना ज्यादा देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों एनएसएएसओ की सर्वे रिपोर्ट में ऐसे ही चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जिसमें देश के 32.9 फीसदी युवा ना तो काम कर रहे हैं. ना ही पढ़ाई कर रहे हैं और ना ही किसी प्रकार का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसका मतलब है ये 32.9 फीसदी युवा एकदम खाली बैठे हैं.
15 से 29 वर्ष के युवाओं पर हुआ सर्वे
सांख्यिकी मंत्रालय के नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) ने देश के विभिन्न राज्यों के करीब 2 लाख 90 हजार परिवारों पर एक सर्वे किया. जनवरी 2020 से अगस्त 2021 तक किए गए इस सर्वे में घर में रहने वाले 15 से 29 साल के युवाओं की जानकारी ली गई. जिसमें सामने आया की 32.9 फीसदी युवा इस समय कुछ भी नहीं कर रहे हैं. खाली बैठे युवाओं में से 20.3 फीसदी युवा काम की तलाश कर रहे हैं तो वहीं 69.8 फीसदी युवा घर के कामों में लगे हुए हैं. साथ ही 1.5 फीसदी युवा सेहत के कारण काम के योग्य नहीं है. इनमें से 2.3 फीसदी युवा ऐसे भी हैं जिनको कुछ नहीं करना सिर्फ वक्त बिताने के अलावा.
यूपी पहले तो राजस्थान 7वें पायदान पर
देश के विभिन्न राज्यों में 2 लाख 90 हजार परिवारों में किए गए इस सर्वे में यूपी सबसे पहले पायदान पर काबिज है जहां ऐसे युवाओं की संख्या 36.7 फीसदी है. वहीं राजस्थान भी 27.8 फीसदी के साथ 7वें पायदान पर काबिज है. दूसरे और तीसरे नम्बर पर 36.5 फीसदी के साथ बिहार और पंजाब, चौथे पायदान पर 33.9 फीसदी के साथ गुजरात, पांचवें नम्बर पर 33.4 फीसदी के साथ हरियाणा, छठे नम्बर पर 32.4 फीसदी के साथ मध्यप्रदेश
कम्प्यूटर ज्ञान में भी फिसड्डी
इन युवाओं पर किए गए सर्वे में सामने आया है कि 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के 61.6 फीसदी युवाओं को कॉपी-पेस्ट करना तक नहीं आया है. इसके साथ ही किसी अटैचमेंट के साथ ई-मेल करनी है तो ऐसे युवाओं की संख्या बढ़कर 73.3 फीसदी हो जाती है