राजस्थान विश्वविद्यालय में खाद्य पदार्थों के अपशिष्ट (waste food) के बेहतर प्रबंधन को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन होने जा रहा है. खाद्य पदार्थों में भारी मात्रा में होने वाले व्यर्थ के बेहतर प्रबंधन को लेकर 16 मार्च से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन कर रहा है. इस वर्कशॉप में व्यर्थ खाद्य पदार्थों के बेहतर प्रबंधन को लेकर विश्व स्तर के विशेषज्ञों के विचार और व्यापक चर्चा की जाएगी.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट 12 के तहत हो रहा आयोजन
16 मार्च को सुबह 10 होम साइंस विभाग में प्रारंभ हो रही इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस के संबंध में संदर्भ में जानकारी देते हुए गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनीता अग्रवाल ने बताया की राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट 12 के तहत “स्ट्रेटजीज ऑनइंस्टीट्यूशनल फूड वेस्ट ” विषय पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है. कार्यशाला की थीम ग्लोबल प्रस्पेक्टिव टुवर्ड्स वेस्ट मैनेजमेंट चेन रखा गया है.
अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं को किया गया है आमंत्रित
कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विदेशी वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है. जिसमे होडी लियांग (मलेशिया), मेलिसा टेन, अर्ने रागोसनिग (ऑस्ट्रिया), नैंसी स्टैंड (नॉर्वे) और मार्कली (सिंगापुर) वेस्ट मैनेजमेंट पर अपने व्यापक विचार व्यक्त करेंगे. वर्कशॉप का आयोजन सीडब्ल्यूएम, आईएसडब्ल्यूए और सीडीसी के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है.
दो दिनों तक विभिन्न सत्रों का होगा आयोजन
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया की राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रावासों में होने वाले वेस्ट फूड के मैनेजमेंट का अध्ययन किया गया है. वेस्ट फूड के अपशिष्ट को वर्मीकम्पोस्ट प्रक्रिया से खाद में तब्दील कर उसे काम में लिए जाने के लिए भी उच्च स्तर पर व्यापक योजना बनाई गई है. वर्कशॉप में कई सारी सब थीम्स रखी गई है जिसके मुताबिक एक्सपर्ट्स आयोजित विभिन्न सत्रों में अपने शोध अध्ययन को साझा करेंगे.
राष्ट्रीय स्तर पर मिल चुकी सराहना
उल्लेखनीय है की भारी मात्रा में होने वाले खाद्य पदार्थों कि बेहतर उपयोग की दृष्टि से राजस्थान विश्वविद्यालय के होम साइंस विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों मैं व्यर्थ होने वाले सामग्री से वर्मी कंपोस्ट जैसी खाद्य बनाए जाने की प्रक्रिया को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. आधुनिक परिवेश में खाद्य पदार्थों के अपशिष्ट से वर्मी कंपोस्ट जैसी खाद्य बनाए जाने की प्रक्रिया के साथ ही अन्य बेहतर प्रबंधन को लेकर इस कार्यशाला में देश विदेश से कई प्रमुख स्पीकर्स शामिल होंगे.