डेंटल एजुकेशन में एक बड़े बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है. डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मसौदा तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजा है. अगर इस मसौदे पर मुहर लगती है तो डेंटल शिक्षा में वार्षिक सिस्टम की जगह सेमेस्टर सिस्टम लागू हो सकता है. सेमेस्टर सिस्टम के चलते रिसर्च पर फोकस रहने की भी संभावना को देखते हुए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से मसौदा तैयार किया गया है.
डीसीआई अध्यक्ष दो बार मसौदे को लेकर कह चुके बात
पिछले दिनों डीसीआई अध्यक्ष डॉ. मजूमदार ने लखनऊ और जयपुर स्थित एक कॉलेज समारोह में बीडीएस कोर्स में बदलाव को लेकर तैयार किए गए मसौदे की बात कही है. इसके साथ ही डेंटल शिक्षा में और भी बड़े बदलाव के संकेत दिए गए हैं.
कोर्स अब साढ़े पांच साल का होने की संभावना
गौरतलब है की एमबीबीएस का कोर्स साढ़े 5 साल का रहता है. और इसी की तर्ज पर अब बीडीएस कोर्स को भी साढ़े 5 साल का करने की तैयारी चल रही है. फिलहाल बीडीएस कोर्स 5 साल का है जिसमें मौजूदा स्थिति में इंटर्नशिप सहित बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी का समय भी शामिल है. इसको 6 महीने और बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही नये बदलाव के तहत क्रेडिट बेस्ड सिस्टम भी प्रस्तावित है.
अगर मसौदे को मिलती है मंजूरी तो 9 सेमेस्टर में होगी पढ़ाई
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने जो मसौदा केन्द्र सरकार को भेजा है उसको अगर मंजूरी मिलती है तो इसको पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही वार्षिक सिस्टम सेमेस्टर सिस्टम में बदलने के साथ ही 9 सेमेस्टर की पढ़ाई होगी जिसमें मेडिकल ट्रेनिंग भी शामिल होगी. मानसिक तनाव कम करने के लिए पढाई को खेल. संगीत, और योग से भी जोड़ा जाएगा.
राजस्थान में 50 सीटों की और होगी बढ़ोतरी
राजस्थान की अगर बात की जाए तो प्रदेश में 15 डेंटल कॉलेज हैं. इनमें से एक सरकारी और 14 निजी डेंटल कॉलेज हैं. एक सरकारी कॉलेज में डेंटल की 50 सीटें है जिनके जल्द ही 100 होने की संभावना है. इसको लेकर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि के कुलपति ने प्रस्ताव बनाकर भेजा है जिसमें सीटें बढ़ाने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है. और जल्द ही बजट मिलने की उम्मीद है.