राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर एक बड़ी मांग उठा दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर. अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का बकाया केन्द्रीय अंश जल्द जारी करने की मांग की है. जो करीब 730.81 करोड़ रुपये है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना की बकाया 730.81 करोड़ रुपए की केन्द्र सरकार के हिस्से की राशि को जारी कराने का अनुरोध किया है.
75:25 का रहता है अनुपात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर रहा कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन हेतु अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना संचालित की जा रही है. योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार केन्द्र व राज्य के बीच 75:25 का अनुपात निर्धारित है. राजस्थान में हर साल इस योजनान्तर्गत लगभग 3 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनके भुगतान के लिए प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है. इस राशि में करीब 300 करोड़ रुपए केन्द्रीय अंश होता है.
पूर्व के बकाया सहित पूरे अंशदान को लेकर लिखा पत्र
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य को इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के आधार पर 380.26 करोड़ रुपए (केन्द्रीय अंश राशि 285.20 करोड़ रुपए) की मांग निर्धारित थी. जिसके विरुद्ध केन्द्र द्वारा मात्र 77.81 करोड रुपये जारी किये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्राप्त आवेदन व पूर्व के बकाया आवेदनों के निस्तारण हेतु 430.81 करोड़ रुपये तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवेदनों के केन्द्र सरकार के हिस्से के 300 करोड़ रुपये सहित कुल 730.81 करोड़ रुपये की राशि बकाया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बकाया राशि को शीघ्र से जारी किए जाने का आग्रह किया ताकि राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके.
आर्थिक स्थिति को देखते हुए सहायता राशि जारी करने की मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विद्यार्थियों की शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सहायता राशि समय पर जारी किया जाना आवश्यक होता है. मुख्यमंत्री ने लिखा कि राज्य का बजट वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में ही आवंटित कर दिया जाता है. ऐसे में केन्द्र सरकार के हिस्से की राशि के समय पर पुनर्भरण नहीं होने से राज्य सरकार को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से बकाया राशि जल्द से जल्द जारी किए जाने का आग्रह किया है.