MNIT जयपुर के अधिकारियों के साथ ओडिशा के प्रतिनिधियों ने युवा संगम कार्यक्रम के दौरान उदयपुर के सांस्कृतिक स्थलों का किया भ्रमण

एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम 2 कार्यक्रम, विभिन्न भारतीय राज्यों के युवा छात्रों के बीच बातचीत और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने वाली एक प्रमुख पहल है. जो लगातार सराहनीय सफलता प्राप्त कर रही है. इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, राजस्थान के नोडल संस्थान एमएनआईटी जयपुर से आए ओडिशा प्रतिनिधिमंडल को उदयपुर की जीवंत विरासत और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने का अवसर मिला.

छात्रों ने इन स्थानों का किया भ्रमण

छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि मंडल ने उदयपुर के सांस्कृतिक रत्न शिल्पग्राम, बागोर की हवेली, हल्दीघाटी महाराणा प्रताप संग्रहालय और एकलिंगजी मंदिर का भ्रमण कर ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी प्राप्त की, यात्रा की शुरुआत शिल्पग्राम के दौरे से हुई, जो एक जीवित संग्रहालय है जो ग्रामीण राजस्थान की जटिल कला और शिल्प को प्रदर्शित करता है. प्रतिनिधि स्थानीय कारीगरों की असाधारण प्रतिभा से हैरान थे, जिन्होंने अपनी कलात्मक प्रक्रियाओं को साझा किया. प्रतिनिधियों का राजस्थान की पारंपरिक कला, संगीत और नृत्य रूपों से मनोरंजन हुआ, जिसकी उन्होंने बहुत सराहना की. सभी प्रतिनिधियों और छात्रों के लिए शिल्पग्राम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य की आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुति ने प्रतिनिधियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की समझ को और बढ़ाया.

बागोर की हवेली का किया दौरा

अपनी यात्रा को जारी रखते हुए, ओडिशा के प्रतिनिधि मंडल ने बागोर की हवेली का दौरा किया, जो एक भव्य हवेली है जो बीते शाही युग की भव्य जीवन शैली की झलक पेश करती है. प्रतिनिधि उत्कृष्ट वास्तुकला, भव्य आंतरिक सज्जा और प्रदर्शन पर कलाकृतियों की एक विस्तृत श्रृंखला से मंत्रमुग्ध थे. दौरे का समापन पवित्र एकलिंगजी मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक श्रद्धेय निवास के दर्शन के साथ हुआ. जटिल नक्काशी और स्थापत्य प्रतिभा से सजे मंदिर के शांत वातावरण से प्रतिनिधि चकित रह गए.

यात्रा पूरी कर जयपुर लौटे छात्र

उदयपुर की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, प्रतिनिधि एमएनआईटी जयपुर लौटे. छात्र अब जयपुर जिले के गांव भूरथल का दौरा करेंगे जिसे एमएनआईटी ने यूबीए के तहत गोद लिया है. भूरथल में, ओडिशा के प्रतिनिधि राजस्थान की संस्कृति, जीवन शैली, खेती और जानवरों की देखभाल के बारे में जानेंगे और साथ ही नवाचार के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के संभावित समाधान पर चर्चा करेंगे. प्रतिनिधियों के लिए ग्राम पंचायत भूरथल की सरपंच सरिता मीणा व ग्रामीणों द्वारा राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा.

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