पीएचडी गाइड को लेकर स्थिति स्पष्ट, प्रोबेशन के दौरान भी बन सकेंगे गाइड

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पीएचडी गाइड को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए साफ कर दिया है की अब प्रोबेशन के दौरान भी गाइड बन सकेंगे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद अब नियमित फैकल्टी अपनी प्रोबेशन की अवधि में भी पीएचडी करवा करेंगे. इसका साफ मतलब है की उनके प्रोबेशन के दौरान भी उन्हें पीएचडी स्कॉलर्स अलॉट कर दिए जाएंगे.

20 जनवरी को हुई थी मीटिंग

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 20 जनवरी को मीटिंग आयोजित की गई थी. 20 जनवरी को आयोजित हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया था. 20 जनवरी को जहां यूजीसी की ओर से इस संबंध में फैसला लिया गया था तो वहीं अब इस फैसले को सार्वजनिक कर दिया गया है.

पीएचडी गाइड की कमी की वजह से लिया फैसला

20 जनवरी को जब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बैठक हुई तो उस समय पीएचडी गाइड की कमी का मुद्दा काफी मुखर रहा था. पीएचडी गाइड की कमी के चलते कई स्कॉलर्स अपनी रिसर्च पूरी नहीं कर पाते थे. वहीं प्रोफेसर्स, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को निश्चित संख्या में ही स्कॉलर्स अलॉट किए जाते हैं. इसी कमी को देखते हुए यूजीसी की ओर से यह फैसला लिया गया है.

सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश किए गए जारी

यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने इस संबंध में पिछले दिनों ही आदेश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही सभी यूनिवर्सिटीज को भी आदेश की पालना करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. इस फैसले से कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन करने वाले उम्मीदवारों को समय रहते ही स्कॉलर्स अलॉट किए जाएंगे. शिक्षकों की करिअर एडवांसमेंट स्कीम में भी पीएचडी स्कॉलर्स की संख्या महत्वपूर्ण होती है.

लम्बे समय से चली आ रही थी समस्या

पीएचडी गाइड की कमी के चलते स्कॉलर्स को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. जिसके चलते समय पर उनकी पीएचडी पूरी नहीं हो पा रही थी. इस समस्या को लेकर कई बार यूजीसी को अवगत भी करवाया गया. जिसके बाद 20 जनवरी को हुई यूजीसी की मीटिंग में यह बड़ा फऐसला लिय

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