भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जेईसीआरसी इन्क्यूबेशन सेंटर के तीन इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप्स को 90 लाख की ग्रांट मिली है. ये तीनों स्टार्टअप जेईसीआरसी इन्क्यूबेशन सेंटर की मदद से आगे बढ़ रहे है. इस ग्रांट स्कीम में जयपुर के 20 वर्षीय देवांग भारद्वाज और कुणाल सिंह शेखावत के डॉक ट्यून्स को 30 लाख रुपए की ग्रांट मिली है. इस स्कीम में उनके अलावा हर्ष सवेरगांवकर को 30 लाख रुपए की ग्रांट मिली है और ओमकार थाले का स्टार्टअप एल ग्रिड को भी ग्रांट मिली है.
देश की स्टार्टअप दुनिया और एंटरप्रेन्योर इकोसिस्टम तंत्र के लीडर्स शामिल रहे
मुख्य अतिथि जीत विजय सीईओ,MeitY स्टार्टअप हब ने सरकार की स्कीम्स के बारे में बताया जो नए स्टार्टअप्स को मददगार साबित होगी साथ ही उन्होंने बताया की देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए टियर 2 और टियर 3 शहरों के लिए विशेष स्कीम्स लांच की गई हैं. जिसका लाभ उभरते हुए उद्यमी उठा सकते हैं.वहीं जेआईसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. वहीं मधुरिमा अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप्स, ने बताया की कैसे माइक्रोसॉफ्ट इन स्टार्टअप्स की मदद कर सकता हैं. मनीष शारा, संस्थापक- जेट और जेईसीआरसी परिवार के पूर्व छात्र सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुए.
वाइस चेयरमैन अर्पित अग्रवाल भी कार्यक्रम में रहे मौजूद
जेईसीआरसी के वाईस चेयरपर्सन, अर्पित अग्रवाल भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. अर्पित अग्रवाल ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात हैं की दिन पर दिन स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रदेश भर में बढ़ रहा है. और जेईसीआरसी इसमें योगदान देने में पीछे नहीं रहेगा. नए स्टार्टअप्स को जरूरत के समय सलाह और फंडिंग प्रदान करेगा और नवोदित उद्यमियों का समर्थन करने के लिए हमेशा मौजूद रहेगा. जेईसीआरसी इन्क्यूबेशन सेंटर के सीईओ धीमंत अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा की यह ग्रांट राज्य के सभी नवोदित उद्यमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है और निश्चित रूप से स्टार्टअप क्षेत्र में प्रभावकारी है.
एक नन्हा कदम, मीलो के सफर की शुरुआत करता है- कोमल जोशी
कोमल जोशी, हेड, जेआईसी ने निरंतरता और दृढ़ इच्छाशक्ति को एक सफल स्टार्टअप खड़ा करने का मूल मंत्र बताया. जोशी ने बताया की कैसे एक नन्हा कदम मीलों के सफर की शुरुआत हो सकता है. युवा एंटरप्रेनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि -“हो सकता है की शुरुआत में लोगों को आपका विजन और लक्ष्य प्रासंगिक नही लगे पर जब आप अपनी जीतोड़ मेहनत और लगन से सफलता का परचम लहराएंगे तो निश्चित ही वो सब आपकी और आपके विज़न की सराहना करेंगे”
20 साल के डॉक ट्यून्स के फाउंडर्स को मिली 30 लाख का ग्रांट
देवांग भारद्वाज और कुणाल सिंह शेखावत डॉक ट्यून्स के फाउंडर और को फाउंडर है. इनका ये ऐप लंबे चौड़े टेक्स्ट्स और पीडीएफ को कुछ सेकंड्स में ऑडियो बुक में बदल देगा जिससे आप आसानी से सुन पाएंगे और पढ़ने की बोरियत महसूस नहीं करेंगे. एप्लिकेशन पीडीएफ में बदल जाता है और यहां तक कि 6 भारतीय भाषाओं और 28 विदेशी भाषाओं में हस्तलिखित दस्तावेजों को ऑडियो फाइलों में भी. इसे बनाने का आइडिया उन्हें लॉकडाउन में आया जब उन्हे लंबे लंबे नोट्स पढ़ने में बोरियत होती थी और तब उन्हे ऑडियो बुक का आईडिया आया और इस वजह से डॉक ट्यून्स आया.
एलग्रिड ऑटो बनाता है इलेक्ट्रिक गाड़ियों के नाजुक और क्रिटिकल पार्ट्स
ओमकार थाले देश के इंडिपेंडेंट उद्यमी है हाल ही में उन्होंने भारत की पहनी हाइब्रिड पावर ट्रेन किट स्कूटर बनाया था. जेईसीआरसी इंक्यूबेशन सेंटर के समर्थन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्टार्टअप हब से ग्रांट के साथ , एलग्रिड ऑटो को निम्न गुणवत्ता वाले चीनी ईवी घटकों पर निर्भरता कम करने और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के अपने मिशन को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
क्रिकइन शॉट्स मोबाइल क्रिकेट गेम
हर्ष सवेरगांवकर का ये स्टार्टअप हैं क्रिक इन शॉट्स एक मोबाइल क्रिकेट गेम है. जैसा कोई अन्य नहीं है. उनका पहला गेम क्रिकिनशॉट्स एक क्रिकेट कार्ड संग्रहणीय खेल है जहां उपयोगकर्ता क्रिकेटर, कौशल, इवेंट, चाल और स्टेडियम कार्ड एकत्र करते हैं और लीडरबोर्ड पर चढ़ने के लिए अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं