7 सालों में स्टार्टअप से मिले 9 लाख रोजगार, लेकिन बेरोजगारी दर पर नहीं पड़ा खास असर

साल 2016 में स्टार्ट अप की पहली हुई. और रोजगार के क्षेत्र में स्टार्टअप को एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन स्टार्टअप के शुरू होने के 7 साल बाद जब बेरोजगारी दर की बात सामने आई. तो बेरोजगारी दर पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला. 7 सालों में स्टार्टअप के जरिए देश में बेरोजगारी दर में सिर्फ 1 फीसदी की गिरावट देखी गई. साल 2016 में जहां बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी थी वो अब 7.8 फीसदी रह गई है. 

आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा स्टार्टअप

30 दिसम्बर 2022 की अगर बात की जाए तो डीपीआईआईटी (DPIIT) ने 2016 से 30 दिसम्बर 2022 तक 56 सेक्टर्स में 86 हजार 713 स्टार्टअप को मंजूरी दे चुका है. साथ ही साल 2016 से पहले स्टार्टअप की संख्या महज 445 ही थी. 30 दिसम्बर 2022 तक सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर में स्टार्टअप को मंजूरी दी गई है जिनकी संख्या 10 हजार 419 तक है. इसके साथ ही 8 हजार 88 स्टार्टअप के साथ हेल्थ केयर दूसरे नम्बर पर काबिज है. शिक्षा 5 हजार 650 स्टार्टअप के साथ तीसरे नम्बर पर तो कृषि 4 हजार 266 स्टार्टअप के साथ चौथे नम्बर पर है. पेय पदार्थ 4 हजार 181 स्टार्टअप के साथ पांचवें नम्बर पर है.

2022 में सबसे ज्यादा स्टार्टअप को मंजूरी

स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत साल 2016 में की गई. लेकिन कोरोना के बाद साल 2022 में स्टार्टअप के क्षेत्र में सबसे ज्यादा बूम देखने को मिला. साल 2022 में 26 हजार 558 स्टार्टअप शुरू हुए. साल 2020 और 2021 में इनकी संख्या 34 हजार 601 थी. 

7 साल में 9 लाख लोगों को मिला रोजगार

साल 2016 में जब स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत हुई. उस समय देश में सिर्फ 445 स्टार्टअप को मंजूरी मिली थी. लेकिन अब स्टार्टअप की संख्या देश में 86 हजार 713 तक पहुंच चुकी है. इसके साथ ही स्टार्टअप के जरिए देश के करीब 9 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिल चुके हैं. 

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्टार्टअप

स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत के बाद सबसे ज्यादा स्टार्टअप महाराष्ट्र में शुरू हुए. महाराष्ट्र में इस दौरान 15 हजार 571 स्टार्टअप शुरू किए गए. जिसमें पिछले 3 सालों में करीब 1 लाख 18 हजार लोगों को रोजगार मिला. लेकिन महाराष्ट्र में बेरोजगारी दर 4.6 से बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच गई है. इसके साथ ही राजस्थान में 2 हजार 731 स्टार्टअप में पिछले 1 साल में 11 हजार 640 लोगों को साथ ही पिछले तीन सालों में 21 हजार 981 लोगों को रोजगार मिला है. जबकि राजस्थान में 7 सालों में बेरोजगारी 20 फीसदी तक बढ़ गई है. हालांकि पिछले 7 साल में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 9.5 फीसदी तक बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है.

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