ज्वाइंट एंट्रेंस (JEE) मेन्स परीक्षा को लेकर 21 फरवरी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आने की उम्मीद है. 75 फीसदी और 20 फीसदी पर्सेंटाइल वाले एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के विवाद का भी इस सुप्रीम मुहर के साथ निपटारा होता हुआ भी नजर आ रहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से 21 फरवरी को जेईई मैन के लिए 75 फीसदी और टॉप 20 पर्सेंटाइल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के तहत चुनौती दी गई थी.
जनहित याचिका में की गई मांग
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि जेईई मैन उम्मीदवारों को इस साल प्रवेश परीक्षा के लिए 75 फीसदी और टॉप 20 पर्सेंटाइल क्राइटेरिया को खत्म किया जाए या फिर इस क्राइटेरिया को कम करके 50 फीसदी तक किया जाए
कैसे शुरू हुआ विवाद
आईआईटी गुवाहाटी की ओर से शुरू में जारी किए गए जेईई एडवांस्ड ब्रोशर के अनुसार उम्मीदवारों के 12वीं कक्षा में कम से कम 75 फीसदी नम्बर होने की अनिवार्यता लागू की गई. इसके साथ ही एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी के उम्मीदवारों के लिए 65 फीसदी का निर्धारण किया गया या फिर उन्हें कैटेगरी वाइज अपने संबंधित बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में होने का क्राइटेरिया रखा गया. इससे पहले मेन परीक्षा में टॉप-20 पर्सेंटाइल का क्राइटेरिया नहीं था. इस एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर विवाद शुरू हुआ. छात्रों के साथ ही सांसदों ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई. विवाद को बढ़ता देख केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जेईई मेन 2023 एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव किया गया था. बदली गई गाइडलाइन में कहा गया की जेीई मेन में छात्रों की एआईआर (AIR) के अलावा उनका 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी या उससे ज्यादा नम्बर होना चाहिए या संबंधित बोर्ड परीक्षा परिणाम में टॉप 20 पर्सेंटाइल उम्मीदवारों में से एक होना चाहिए.
अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद
21 फरवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. और मंगलवार 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाने वाला है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है की सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश के लाखों विद्यार्थियों को राहत देने का फैसला आ सकता है. साथ ही 75 फीसदी और टॉप 20 पर्सेंटाइल का क्राइटेरिया भी खत्म हो सकता है