विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) ने एक नया ड्राफ्ट तैयार किया है. जिसके तहत यूजीसी ने अब भारत में खुलने वाले विदेशी संस्थानों के लिए ड्राफ्ट रेग्युलेशंस जारी करते हुए इस पर स्टेक होल्डर्स के सुझाव मांगे है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से बताया गया है कि देश में स्थापित होने वाले फॉरेन इंस्टीट्यूट्स ऑनलाइन व डिस्टेंस लर्निंग मोड से पढ़ाई करवा सकेंगे. इस ड्राफ्ट के तहत यूजीसी की अनुमति के बाद ही भारत में विदेशी संस्थान संचालित हो सकेंगे.
विदेशी संस्थानों से भारत के विद्यार्थियों को होगा फायदा
विदेशी संस्थानों के भारत में आने से सबसे ज्यादा फायदा भारत में रहने वाले छात्रों को होगा. इसके साथ ही भारत का जो टेलेंट है वो भारत में ही रह सकेगा. जिसके छात्रों को कोर्स करने के लिए ना तो विदेश जाना पड़ेगा और ना ही उसको ज्यादा खर्चा करना पड़ेगा. इसके साथ ही अच्छी बात यह है कि विदेशी संस्थानों के भारत में आने से यहां से विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में भी कमी देखने को मिलेगी. वर्तमान में सबसे यूनाइटेड किंगडम में पढ़ने के लिए भारत से छात्र जाते हैं.
देश के सम्मान का रखना होगा ध्यान, तो कोर्स बंद करने से पहले लेगी होगी अनुमति
यूजीसी की ओर से तैयार किए गए ड्राफ्ट में बताया गया है कि जो विदेशी संस्थान भारत में आएंगे उनको देश के सम्मान का भी पूरा ध्यान रखना होगा. किसी भी विदेशी संस्थान को देश के खिलाफ किसी भी प्रकार की गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही जब विदेशी संस्थान द्वारा कोई कोर्स बंद किया जाएगा तो उससे पहले कमीशन से इसकी इजाजत लेनी होगी. इसके साथ ही छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. यूजीसी द्वारा समय समय पर इन संस्थानों का निरीक्षण भी किया जाएगा. यह पूरा ड्राफ्ट यूजीसी की ओर से वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है.