सरकार के सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रयास एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम के तहत राजस्थान के विविध उच्च शिक्षा संस्थानों के 45 छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल ने 15 मई को राजस्थान के नोडल संस्थान एमएनआईटी जयपुर से ओडिशा आईआईटी भुवनेश्वर के नोडल संस्थान के लिए रवाना हुआ. प्रतिनिधियों को एमएनआईटी जयपुर में तिलक, माला, साफा और लोक नृत्य और संगीत के साथ पारंपरिक राजस्थानी विदाई दी गई. विशेष समारोह के साथ एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. एन. पी. पाढ़ी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. एमएनआईटी जयपुर के 3 संकाय सदस्यों के साथ समूह 16 मई, 2023 को भुवनेश्वर पहुंचेगा और उनकी ओडिशा यात्रा 22 मई 2023 को समाप्त होगी.
सरकार द्वारा यह है एक बड़ी पहल- प्रो. पाढ़ी
प्रो. पाढ़ी ने प्रतिनिधियों को कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह राष्ट्रीय एकता के निर्माण और भारत की विविधता और क्षमता के प्रति छात्रों को जागृत करने के लिए सरकार द्वारा एक बड़ी पहल है. उन्होंने कहा कि इस अनुभव का युवाओं पर स्थायी और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि वे विभिन्न संस्कृतियों के बारे में सीखते हैं और भारत की विविधता और एकता के प्रति सम्मान विकसित करते हैं. प्रोफेसर महेश कुमार जाट, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, एमएनआईटी जयपुर ने उन्हें दौरे के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी.
इन स्थानों पर जाएगी यात्रा
यात्रा के दौरान छात्रों को ओडिशा के राज्यपाल से मिलने का मौका मिलेगा, फिर वे रघुराजपुर गांव, कोणार्क मंदिर, चंद्रभागा समुद्र तट, धौलीगिरी, खंडगिरी गुफाएं अकमरा हाट और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, राज्य जनजातीय संग्रहालय, पारादीप बंदरगाह, ललितगिरी मठ और संग्रहालय जाएंगे. उनके यात्रा कार्यक्रम में उन्नत भारत अभियान के तहत स्थानीय गांवों का दौरा और स्टार्ट-अप और एमएसएमई उद्यमियों, कलाकारों, गायकों, खिलाड़ियों, संगीतकारों, एसएचजी आदि के साथ बातचीत भी शामिल है.
युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत यात्रा
एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत शिक्षा मंत्रालय के युवा संगम युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करना है, विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के युवाओं के बीच और उन्हें भारत की संस्कृति और मूल्यों से परिचित कराना है. एक भारत श्रेष्ठ भारत के विचार की परिकल्पना और संरचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों के बीच एक सांस्कृतिक जुड़ाव और एकता का विचार बनाने के लिए की गई थी.
युवा संगम का उद्देश्य
युवाओं को देश के मानवीय दर्शन को दर्शाने वाले सांस्कृतिक मूल्यों पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित करना है. यह पहल इस साल फरवरी में शुरू की गई थी और युवा संगम के पहले चरण में 1200 युवाओं की भारी भागीदारी थी, जिसमें पहले बैच ने पूर्वोत्तर भारत का दौरा किया था.