राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शिक्षा विभाग और फ्यूचर सोसायटी की ओर से बच्चों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया गया. राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर के बच्चों को मतदान की प्रक्रिया समझाई गई. इतना ही नहीं, बच्चों को लोकतंत्र के प्रहरी बनने का मौका भी इस कार्यक्रम में दिया गया. जिसमें कार्यक्रम में जुड़ी स्कूलों के बच्चों ने लोकतंत्र के प्रहरी बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की और उसके बाद स्कूल में ही वोटिंग की प्रक्रिया हुई. वोटिंग के बाद परिणाम जारी किया गया और लोकतंत्र के प्रहरी भी चुने गए.
बच्चों को लोकतंत्र प्रहरी बनाने की दिशा में अभियान की शुरुआत
बता दें कि देश की सीमाओं की सुरक्षा करने का काम हमारे सैनिक करते हैं. ठीक उसी तरह लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जागरूक प्रहरी या मतदाताओं की जरूरत है. ऐसे में बच्चों को लोकतंत्र प्रहरी बनाने की दिशा में इस अभियान की शुरूआत की गई है. वर्तमान की बात की जाए तो आज की तारीख में भी हमारे देश में वोटिंग प्रतिशत काफी कम है. चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की गई थी. आने वाले समय के मतदाताओं को वोटिंग की अहमियत समझाने और साझेदार बनाने के मकसद के साथ यह नया अभियान शुरू किया गया है.
पहली बार होगा अनूठा आयोजन
बता दें कि मतदान का अधिकार 18 वर्ष से अधिक आयु पर मिलता है. लेकिन, शिक्षा विभाग एवं फ्यूचर सोसायटी की ओर से की गई इस पहल के अनुसार 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. ताकि जब वे 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लें तो मतदान से जुड़ी सभी जानकारियां उनके पास हो और वे जागरूक मतदाता के रूप में मतदान करें.
33 जिलों के बच्चे जुड़े ऑनलाइन
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में 33 जिलों से बच्चे, शिक्षा विभाग के अधिकारी गूगल मीट से जुड़े. कार्यक्रम की अध्यक्षता माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक गौरव अग्रवाल ने की. डिजिटल बाल मेला की जान्हवी शर्मा ने बताया कि जयपुर में यह कार्यक्रम गांधी नगर स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) में हुआ.