राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के ड्राफ्ट के अनुसार कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड एग्जाम दो टर्म्स में कराई जा सकती हैं. साथ ही 10वीं और 12वीं के अंतिम परिणाम पिछले क्लास के अंकों को ध्यान में रख कर तय किये जा सकते हैं. एनसीएफ जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार तैयार किया जा रहा है. कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए साइंस, आर्ट और कॉमर्स स्ट्रीम में विभाजित करने की मौजूदा पैटर्न को दूर करने का भी प्रपोजल पेश किया गया है.
दो साल में 8-8 सिलेबस के पाठ्यक्रम करने होंगे पूरे
NCF के प्रपोजल में कहा गया है कि 10वीं को पूरा करने के लिए क्लास 9 और 10 के दो साल में कुल 8-8 सिलेबस में से प्रत्येक से दो आवश्यक पाठ्यक्रम पूरे करने होंगे. एनसीएफ को अब तक चार बार संशोधित किया जा चुका है. आखिरी बार इसे 2005 में संशोधित किया गया था. कोविड महामारी के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी दो सत्रों में विभाजित किया गया था. लेकिन इस वर्ष महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए साल के अंत में परीक्षा के पुराने प्रारूप को फिर से शुरू किया गया था. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के शुरुआती मसौदे में साल में दो बार बोर्ड परीक्षा का मौका देने की सिफारिश की है। इसमें छात्र अपनी तैयारी और मांग के आधार पर बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकता है.
10वीं, 12वीं के परीक्षा परिणाम में पिछली कक्षा के अंक भी जुड़ सकते हैं
इस ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 10वीं और 12वीं कक्षा के अंतिम परिणाम में पिछली कक्षा के अंकों का भी मूल्यांकन कर जोड़ा जा सकता है. इसके आधार पर बच्चों के पास परीक्षा देने का पर्याप्त समय और मौके उपलब्ध होंगे. बच्चे जब भी खुद को तैयार पाएंगे, वे परीक्षा की मांग रख सकते हैं. इसके लिए व्यापक स्तर पर बोर्ड को प्रश्नों का बैंक तैयार करना होगा और परीक्षा के समय उपयुक्त सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी.
विभिन्न श्रेणियों में ये विषय होंगे शामिल
ह्यूमैनिटीज में भाषा, साहित्य व दर्शन की पढ़ाई होगी, जबकि समाज विज्ञान में इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र की और विज्ञान में भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान की पढ़ाई करनी होगी। वहीं, गणित और कंप्यूटिंग में गणित, कंप्यूटर विज्ञान, बिजनेस गणित और कला में संगीत, नृत्य, थियेटर, चित्रकला, वोकेशनल में कौशल विकास के कोर्स, स्पोर्ट्स में गेम्स, योग की जानकारी मिलेगी.
बोर्ड परीक्षाओं में ज्यादा एमसीक्यू होंगे
सीबीएसई ने मूल्यांकन तरीक में बदलाव करते हुए 2024 की बोर्ड परीक्षाओं में मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (एमसीक्यू ) ज्यादा संख्या में पूछने और शार्ट व लॉन्ग आंसर प्रश्नों का वेटेज कम करने का फैसला किया है . बोर्ड ने नयी राष्ट्र शिक्षा नीति के मद्देनजर यह कदम उठाया है , ताकि स्टूडेंट्स रट्टामार पढ़ाई ना करें. साल 2023 – 24 की 10वीं बोर्ड एग्जाम में एमसीक्यू का पेपर में वेटेज 50 फीसदी होगा वहीं 12वीं में 40 फीसदी होगा
आखिरी बार 2005 में बना था करिकुलम फ्रेमवर्क
अब तक 1975 , 1988 , 2000 और 2005 में करिकुलम फ्रेमवर्क बन चूका है. बोर्ड परीक्षा में बालव का ये पहला प्रयास नहीं है. इससे पहले 2009 में 10वीं के लिए सतत और समग्र मूल्यांकन पद्धति लागू की गयी थी , लेकिन 2017 में उसे वापस ले लिया गया था.