राजस्थान यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई कार्यशाला, सुझावों को भेजा जाएगा सरकार के पास

राजस्थान यूनिवर्सिटी के लाइफ लोग लर्निंग विभाग में एक दिवसीय “इंटीग्रेटेड चाइल्ड डवलपमेंट सर्विस स्कीम कार्यशाला आयोजित की गई. विभाग के निर्देशक प्रो. प्रकाश शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में आगनबाड़ी में कार्यरत महिलाओं को असली ‘यशोदा’ बताया. उन्होंने बताया कि कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. वयनिका उनियाला पांडा, दिल्ली विश्वविद्यालय ने महिलाओं के आर्थिक सामाजिक विकास की वकालत की.

कार्यशाला में विभिन्न पहलुओं पर डाला गया प्रकाश

 कार्यशाला में महिला एवं बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे उड़ान योजना, पालनहार, स्वाधार गृह, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ महिला निधि योजना, महिला शक्ति, मिशन पोषण, महिला पेंशन योजना, इंदिरा गांधी रसोई योजना ऋण योजना, स्टेप योजना पर प्रकाश डालते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा ने सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया. कार्यक्रम के अतिथि शैलेष पोहरा सरपंच रामपुरी डाबड़ी ने 2 अक्टूबर 1975 से अब तक लगभग 5 दशक से किये गये आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना की

परिसंवाद में निम्नांकित बिंदुओं पर समस्याएं उजागर हुई जिसको राजभवन एवं राज्य सरकार को भेजा जाएगा

भवन अनुपलब्ध है विशेष कर शहरी क्षेत्रों में किराये पर लिये गये भवन का राज्य सरकार द्वारा दिया गया किराया मात्र 750 रुपये है जो बेहद कम है. किराये पर लिये गये भवन में बच्चों एवं कार्यकर्ताओं के लिए शौचालय उपलब्ध नहीं है, वेदान्ता एवं अन्य समूह प्राइवेट आगबाड़ी को गोद नहीं ले रहे है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बेहद कम है. राजकीय अवकाश आंगनबाड़ी में भी (बच्चों एवं कार्यकर्ताओं को लागू किया जाये, राज्य सरकार द्वारा दिये गये पापहारों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश की कमी है.

कार्यशाला में विभिन्न सत्रों का  हुआ आयोजन

उद्घाटन के सत्र के पश्चात पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा पर प्रथम सत्र आयोजित किया गया.निदेशक प्रोफेसर प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस सत्र की मुख्य वक्ता महारानी कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर मुक्ता अग्रवाल थी. उन्होंने अपने मुख्य उद्बोधन में उपस्थित आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ विभाग में चल रही सेवाओं एवं उनमें लागू करने में आनेवाली समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बच्चों के कुपोषण पर चिंता जताते हुए कुपोषण मुक्त कराने के लिए कई सुझाव दिये. इस सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में आलोचक एवं लेखक डॉ. राजेश व्यास वर्तमान में राजभवन में जनसम्पर्क निर्देशक भी है, तथा UNICEF को विनिता दत्ता ने प्रतिभागियों से विस्तार से चर्चा की इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत विभाग के निदेशक प्रोफेसर प्रकाश शर्मा ने किया तथा विभाग की सहायक निदेशक डी. बरखा रानी ने परिसंवाद कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी डॉ. अखिल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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