प्रदेश सरकार ने साल 2019 का बजट जब घोषित किया तो इस बजट में मेडिकल क्षेत्र में रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे सैंकड़ों अभ्यर्थियों को एक बड़ी सौगात दी थी. सरकार की ओर से बजट 2019 में चिकित्सा विबाग में दंत चिकित्सकों के 480 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी. लेकिन करीब 4 सालों का समय बीत जाने के बाद भी इस घोषणा को पूरा होने का इंतजार है. इसके साथ ही साल 2022-23 में भी 352 पंचायत समिति मुख्यालयों पर स्थित सीएचएसी पर डेंटिस्ट सुविधा देने का वादा भी सरकार कर चुकी है.
करीब 8 करोड़ की आबादी पर महज 548 दंत चिकित्सक
प्रदेश की जनसंख्या की अगर बात की जाए तो प्रदेश की जनसंख्या करीब साढ़े 8 करोड़ है. लेकिन प्रदेश में दंत चिकित्सकों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस आबादी पर महज 548 दंत चिकित्सक ही हैं. जिसका असर ये है की हर साल सैंकड़ों की संख्या में दंत चिकित्सा की पढ़ाई पूरी करके नौकरी का सपना देखने वाले विद्यार्थी बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में आने वाले बजट में प्रदेश के बेरोजगारों को उम्मीद है की चार साल पहले जो घोषणा की गई उसको पूरा करने साथ ही नये पदों पर घोषणा करते हुए जल्द ही दंत चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी.
पिछले 20 साल में सुधरे हालात, लेकिन अभी और सुधार की गुंजाइश
पिछले 20 सालों की अगर बात की जाए तो प्रदेश में दंत चिकित्सकों के हालात में काफी सुधार हुआ है. साल 2000 में जहां प्रदेश में महज 27 दंत चिकित्सक के पद भरे हुए थे तो वहीं साल 2019 तक इनकी संख्या 480 तक पहुंची थी. हालांकि इस बीच चिकित्सकों की कमी से भी प्रदेश जूझता हुआ नजर आया. राजस्थान में साल 2004 में सबसे कम 10 दंत चिकित्सक ही बचे थे. तो वहीं साल 2013 में दंत चिकित्सकों की संख्या 250 तक पहुंची थी
प्रदेश के युवा बेरोजगारों ने सरकार से की मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार का बजट खिलाड़ियों और युवाओं के लिए समर्पित करने की बात कही है. ऐसे में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने का सपना देखने वाले बेरोजागरों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है की चार साल पहले जो घोषणा की गई थी उसको पूरा करने के साथ ही और पदों पर भर्ती की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की जाए