देश में बेरोजगारी के भयावह हालात, 16 माह में चरम पर पहुंची बेरोजगार

देश में बढ़ती बेरोजगार के भयावह हालात बनते जा रहे हैं. पिछले 16 महीनों की अगर बात की जाए तो देश में बेरोजगार अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुकी है. दिसम्बर 2022 महीने की बात की जाए तो देश में बेरोजगारी दर 8.30 फीसदी तक पहुंच चुकी है.जो इस बात को दिखाता है की बेरोजगारी की मार देश के युवा किस कदर झेल रहे हैं. तो वहीं राजस्थान में बेरोजगारी दर में 4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. राजस्थान में जहां नवम्बर 2022 में बेरोजगारी दर 24.5 फीसदी थी तो वहीं दिसम्बर में बेरोजगारी दर बढ़कर 28.5 फीसदी पर पहुंच चुकी है

शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही बेरोजगारी बनी बड़ी वजह

एक महीने में ही देश में बेरोजगारी दर बढ़ने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर का बढ़ना. देश में जहां नवम्बर 2022 में शहरी बेरोजगारी दर 8.96 फीसदी दर्ज की गई थी. तो वहीं दिसम्बर 2022 में शहरी बेरोजगारी दर 10.09 फीसदी पर पहुंच चुकी है. लेकिन वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी दर में मामूली गिरावट कुछ राहत देने वाली जरुर नजर आई है.

16 महीनों में सर्वोच्च स्तर पर पहुंची बेरोजगारी

पिछले 16 महीनों में देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. अगस्त 2021 में जहां देश में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही थी तो वहीं नवम्बर 2021 में बेरोजगारी दर 7.91 फीसदी दर्ज की गई थी. तो वहीं अब दिसम्बर 2022 में बेरोजगारी दर फिर से 8.30 फीसदी पर पहुंच चुकी है.

बेरोजगारी में राजस्थान दूसरे पायदान पर काबिज

पिछले 16 महीनों से जहां बेरोजगारी दर में लगातार इजाफा होता जा रहा है. तो वहीं बेरोजगारी के मामले में 5 अव्वल राज्यों में राजस्थान दूसरे पायदान पर काबिज है. 37.4 फीसदी के साथ हरियाणा जहां पहले पायदान पर काबिज है तो वहीं राजस्थान 28.5 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर मौजूद है. 20.8 फीसदी के साथ दिल्ली तीसरे, 19.1 फीसदी के साथ बिहार चौथे और 18 फीसदी के साथ झारखंड पांचवें पायदान पर मौजूद है.

ओडिशा में बेरोजगारों के मामले में हालात सबसे बेहतर

बेरोजगारी के मामले में जहां राजस्थान दूसरे पायदान पर है तो वहीं दूसरी ओर ओडिशा 0.9 फीसदी के साथ सबसे बेहतर स्थिति में है. बेरोजगारी में निचले स्तर से जहां ओडिशा काबिज है तो वहीं ओडिशा के बाद 2.3 फीसदी के साथ गुजरात. 2.5 फीसदी के साथ कर्नाटक तीसरे, 2.7 फीसदी के साथ मेघालय चौथे और 3.1 फीसदी के साथ महाराष्ट्र पांचवें पायदान पर मौजूद है

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