शिखर पर पहुंचने की इस खास पेशकश में हम बात करते हैं उन लोगों की जिन्होंने जीवन में संघर्ष के कठिन रास्तों को पार करते हुए सफलता हासिल की. इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं हरियाणा के सोनीपत में जन्मी अनु कुमारी की. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अनु ने एक कम्पनी में अच्छे पैकेज पर काम करना शुरू किया. लेकिन पढ़ाई छोड़ने के 10 साल बाद जब फिर से कुछ कर गुजरने की मन में ठानी तो दो साल में ही देश में महिला वर्ग में टॉप करते हुए महिलाओं के लिए एक आदर्श स्थापित किया.
दूसरे ही प्रयास में ऑल इंडिया दूसरी रैंक तो महिलाओं में पहली रैंक की हासिल
भारत की अगर सबसे कठिन परीक्षा की बात आती है तो सबसे ऊपर नाम आता है संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विसेज परीक्षा की. इस परीक्षा को पास करने का सपना हर विद्यार्थी का होता है. और देश का अधिकतर वर्ग एक बार तो इस परीक्षा में अपना भाग्य जरुर आजमाता है. लेकिन इस परीक्षा में सफल होने के लिए जो जुनून और तपस्या चाहिए वो अनु कुमारी से सिखनी चाहिए. पढ़ाई पूरी हुए 10 साल बाद भी जब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की तो महज 2 साल में ही अपने लक्ष्य को भेदने वाली अनु कुमारी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनी है जो घर-परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी संभालते हुए अपने सपने को पूरा किया.
अनु कुमारी का जीवन परिचय
18 नवम्बर 1986 को हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले मध्यम वर्ग परिवार में जन्मी अनु कुमारी एक दिन अपने जिले और माता-पिता का नाम रोशन करेगी किसी को पता नहीं था. अनु कुमारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जहां सोनीपत से पूरी की तो वहीं आगे की पढ़ाई अनु ने दिल्ली से पूरी करते हुए फिजिक्स में बीएससी ऑनर्स से डिग्री हासिल की. इसके बाद नागपुर से एमबीए किया. एमबीए करने के बाद अनु ने एक बैंक में नौकरी करनी शुरू की जो 9 साल तक की.
2012 में एक बिजनसमैन से हुई शादी
नौकरी करने के दौरान ही अनु कुमारी का विवाह वरुण दहिया से हुआ. जो एक बिजनसमैन थे. शादी के बाद अनु कुमारी गुरुग्राम में रहने लगी. गुरुग्राम में रहने के दौरान भी अनु ने अपनी नौकरी को जारी रखा. इस दौरान उनके एक बेटा भी हुआ.
पहले प्रयास में महज 1 अंक से चूकी थी अनु
साल 2016 में अनु के भाई ने उनको बिना बताए यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा के लिए उनका आवेदन कर दिया था. जिसके बाद अनु ने साल 2016 में नौकरी छोड़ते हुए परीक्षा की तैयारी में जुट गई. लेकिन पहले ही प्रयास में अनु 1 अंक से चूक गई थी. जिसके बाद तो मानो अनु ने यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर करने की जिद्द ठान ली थी.
2017 में ऑल इंडिाय दूसरी रैंक की हासिल
2016 में परीक्षा क्लियर नहीं करने बाद अनु ने फैसला लिया की 2017 में इस परीक्षा को क्लियर करना है. और इसके लिए अनु को अपने 4 साल के बच्चे से भी दूर रहना पड़ा. अनु ने परीक्षा की तैयारी के लिए अपने बच्चे को मां के पास भेज दिया और दिन-रात करीब 12 से 14 घंटों तक पढ़ाई में जुट गई. अनु ने साल 2017 में दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा में ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की तो महिला वर्ग में अनु ने देश में पहली रैंक हासिल करते हुए अपने सपने को पूरा किया.