राजस्थान में 10 हजार 157 पदों पर प्रक्रियाधीन कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती का पूरा रास्ता संघर्ष से भरा रहा है. पहले जहां संविदा पर होने वाली इस भर्ती को नियमित करने की मांग को लेकर लम्बा संघर्ष देखने को मिला. तो उसके बाद परीक्षा और उसके बाद परिणाम जारी करवाने को लेकर भी सड़कों तक संघर्ष का रास्ता बेरोजागरों को अपनाना पड़ा. तो वहीं अभी भी कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में नियुक्ति देने की मांग के साथ ही न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता को दूर करने के लिए बेरोजगारों को संघर्ष करना पड़ रहा है.
साल 2017 से चल रहा भर्ती को लेकर संघर्ष
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती के संघर्ष की अगर बात की जाए तो साल 2017 से प्रदेश की सड़कों पर ये आंदोलन देखा जा रहा है. सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर जनहित याचिका भी दायर की गई. जिसके बाद 20 फरवरी 2020 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की. लेकिन इस घोषणा ने डेढ़ साल तक सिर्फ कागजों की शोभा बढ़ाई. 19 जून 2021 को जब प्रदेश सरकार की ओर से कम्प्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती की घोषणा की तो मानो बेरोजगारों के सब्र का बांध टूट गया. और उसके बाद बेरोजगारों ने राजस्थान सरकार से गुहार ना लगाकर आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने का संकल्प लिया
दिल्ली से यूपी तक बेरोजगारों ने डाला डेरा
19 जून को सरकार की ओर से से कम्प्यूटर शिक्षकों के पदों पर संविदा भर्ती की घोषणा की गई. और 22 जून को बेरोजगारों ने दिल्ली कूच कर दिया. दिल्ली में कोई सुनवाई नहीं होने के बाद उत्तर प्रदेश में भी बेरोजगारो ने डेरा डाला. 28 दिनों तक गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में रहकर हर रोज बेरोजगार सुबह से शाम तक एआईसीसी कार्यालय के बाहर अपनी मांग लेकर पहुंचते थे. लेकिन 28 दिनों में बेरोजगारों की कहीं सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद बेरोजगारों ने प्रियंका गांधी से लखनऊ में मुलाकात की रणनीति तैयार कर अपनी पीड़ा बताने का फैसला लिया
आखिरकार प्रियंका गांधी से मुलाकात कर सुनाई अपनी पीड़ा
28 दिनों तक यूपी के गाजीपुर में आंदोलन के बाद 17 जुलाई को बेरोजगारों ने लखनऊ कूच किया. लखनऊ कांग्रेस कार्यालय जब बेरोजगार पहुंचे तो उन्हें प्रियंका गांधी से मुलाकात का आश्वासन दिया.लेकिन शाम होते होते जब मुलाकात नहीं हुई तो बेरोजगारों का सब्र का बांध टूटा और प्रियंका गांधी से मुलाकात की मांग को लेकर बेरोजागर अड़ गए. जिसके बाद कांग्रेस कार्यालय में बेरोजगारों के साथ हाथापाई भी देखने को मिली. तीन दिनों के इंतजार के बाद राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में 19 जुलाई 2021 को बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल से प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई. तो प्रियंका गांधी ने समस्या समाधान का आश्वासन दिया
प्रियंका गांधी से मुलाकात का असर, 3 दिनों में संविदा भर्ती नियमित भर्ती में हुई तब्दील
19 जुलाई को बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रियंका गांधी से मुलाकात क्या की राजस्थान सरकार की ओर से महज तीन दिनों के अंदर ही 22 जुलाई को कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती को नियमित करने का फैसला ले लिया गया.
नियमित भर्ती के बाद भी राह नहीं रही आसान
सरकार की ओर से 22 जुलाई को नियमित भर्ती की घोषणा तो कर दी गई,लेकिन अभी राह आसान नहीं थी. बेरोजगारों को भर्ती के नोटिफिकेशन के लिए भी करीब 6 महीनों तक इंतजार करना पड़ा. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से फरवरी 2022 में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया. तो वहीं 18 और 19 जून को कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती का आयोजन किया गया. जिसका परिणाम 31 अगस्त को जारी किया गया. दस्तावेज सत्यापन का कार्य 17 अक्टूबर से 4 नवम्बर 2022 तक पूरा हो चुका है. लेकिन करीब डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी आज तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ है
न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता बनी बड़ी समस्या
10 हजार 157 पदों पर आयोजित हुई कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती का परिणाम 31 अगस्त को जब जारी किया गया तो मानो बेरोजगारों के सपने ही टूट गए. न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता के चलते भर्ती के करीब 30 फीसदी से ज्यादा पद खाली ही रह गए. कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती परीक्षा में महज करीब 7 हजार अभ्यर्थी ही पास हो पाए. बोर्ड की ओर से 10 हजार 157 पदों पर निकाली गई भर्ती में दस्तावेज सत्यापन के लिए करीब 7 हजार अभ्यर्थियों की ही सूची जारी की गई. ऐसे में अब 40 फीसदी की न्यूनतम अनिवार्यता की छूट देने की मांग लगातार की जा रही है