हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से 156 पदों पर निकाली गई कार्यकारी शाखा (HCS) के पदों पर साक्षात्कार प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही मार्क लिस्ट जारी कर दी गई है. साक्षात्कार के बाद हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की ओर से जारी इस मार्क लिस्ट में कमल चौधरी ने ने 398.75 अंक हासिल करते हुए टॉप किया है. कमल ने लिखित और साक्षात्कार में कुल 398.75 अंक हासिल किए हैं. तो वहीं टॉप-10 में से 6 स्थान छात्राओं ने हासिल किया है.
टॉप-10 में 6 लड़कियां
साक्षात्कार पूरे होने के साथ ही जारी मार्क लिस्ट में टॉप-10 में से 6 स्थानों पर लड़कियों ने कब्जा किया है. पहले स्थान पर कमल चौधरी ने लिखित परीक्षा में 359.75 अंक और साक्षात्कार में 39.25 अंक हासिल किए थे. ऐसे कुल 398.75 अंक के साथ कमल चौधरी ने टॉप किया है. टॉप-10 में दूसरे नम्बर से छठे नम्बर पर सिर्फ छात्राओं का कब्जा रहा. इसके साथ ही दूसरे नम्बर पर प्रगति रानी 398.4 अंक के साथ रही. तीसरे नम्बर पर साक्षी 398 अंक, चौथे नम्बर पर शीतल 394.7 अंक, पांचवें नम्बर पर 391.2 अंक, छठे नम्बर पर नमिता कुमारी 391.1 अंक, 7वें नम्बर पर मन्नत राना 390.83 अंक, 8वें नम्बर पर कंवर आदित्य 389.80 अंक, 9वें नम्बर पर गुरविंदर सिंह 388.10 अंक, 10वें नम्बर पर गुरमीत सिंह 388 अंकों के साथ रहे.
156 पदों पर होगी भर्ती
हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से 156 पदों पर भर्ती की जा रही है. जिसमें कार्यकारी शाखा (HCS) में 48 पद, डीएसपी पर 7 पद, ईटीओ (ETO) 14 पद, टीएफएससी (TFSC) 5 पद, तहसीलदार 4 पद, एईटीओ (AETO) 2 पद, बीडीपीओ (BDPO) 46 पद, ट्रैफिक मैनेजर 3 पद, डीएफएसओ (DFSO) 2 पद और सहायक रोजगार अधिकारी के 21 पदों पर भर्ती की जाएगी.
रविवार दोपहर ही खत्म हुए थे साक्षात्कार
156 पदों पर होने जा रही इस भर्ती परीक्षा में साक्षात्कार की प्रक्रिया 30 जनवरी से शुरू की गई थी. और 5 फरवरी दोपहर ही साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हुई थी. साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाम को ही मार्क लिस्ट जारी कर दी गई. इन पदों पर होने वाली भर्ती में कुल 675 अंकों का निर्धारण किया गया था जिसमें लिखित परीक्षा 600 अंकों की और साक्षात्कार 75 अंकों का रखा गया था. आयोग द्वारा इसी सप्ताह अंतिम चयन सूची जारी करने की पूरी संभावना है.
विवादों में रही पूरी भर्ती परीक्षा
आपको बता दें की ये भर्ती प्रक्रिया रिश्वत मामले में विवादों में रही थी. एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर को रिश्वत लेते पकड़ा गया था. इसके साथ ही दो दलालों को भी पकड़ा गया था. रिश्वत का मामला सामने आने के बाद परीक्षा पर सवाल खड़े हुए थे जिसके चलते परीक्षा को पहले रद्द कर दिया गया था. इसके बाद दोबारा इस परीक्षा का आयोजन करवाया गया था.