शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं उत्तरप्रदेश की रहने वाली काजल जावला की. देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन सरकारी सेवाओं में मानी जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा पास करना हर विद्यार्थी का सपना होता है. आईएएस बनने का सपना सभी देखते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो संघर्ष की हर डगर को पार करते हुए इसमें सफलता प्राप्त करते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तरप्रदेश की काजल जावला की.
एक सपना जिसके जिसको बना लिया लक्ष्य
यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है. लेकिन एक महिला के लिए ये और कठिन जब बन जाती है जब शादी हो साथ ही नौकरी भी करनी पड़े. लेकिन समाज में कई ऐसे उदाहरण पेश हैं जिन्होंने इन सभी कठिनाइयों से पार पाते हुए अपने सपने को पूरा किया. हम बात कर रहे हैं काजल जावला की जिन्होंने अन्य महिलाओं के सामने एक उदाहरण पेश किया है. घर संभालते हुए,जॉब करते हुए तीन बार प्री में असफल होने के बाद भी काजल ने उम्मीद नहीं छोड़ी और चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त कर अपने सपने को पूरा किया.
काजल का जीवन परिचय
काजल जावला मूलरूप से उत्तरप्रदेश के शामली की रहने वाली है. काजल जावला ने अपनी प्रारंभिक परीक्षा शामली से पूरी की, जिसके बाद उन्होंने मथुरा के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की.
पढ़ाई पूरी करने बाद मिली अच्छी नौकरी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद काजल को निजी क्षेत्र में एक अच्छी नौकरी मिली. काजल की विप्रो कंपनी में 23 लाख के पैकेज पर नौकरी लगी. काजल के अच्छे पैकेज पर नौकरी लगने से परिवार को आर्थिक रुप से काफी मदद मिली. इसके बाद काजल ने एक अन्य कम्पनी में भी नौकरी की. काजल ने करीब 9 साल तक निजी सेक्टर में नौकरी की.
शादी के बाद तैयारी की शुरू
नौकरी के दौरान ही काजल की शादी आशीष मलिक से हो गई थी. जो कि अमेरिकन अंबेसी में कार्यरत थे. ऐसे में सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए पति और पिता दोनों ने ही काजल को प्रेरित किया. शादी के बाद साल 2016 में काजल ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी की.
शुरू के तीन प्रयास में मिली असफलता
2016 के बाद काजल तीन बार लगातार असफल रही. काजल ने पढ़ाई के लिए पुस्तकों को आधार बनाते हुए तैयारी शुरू की. लेकिन पहले तीन प्रयास में प्री में भी सफलता नहीं मिली. तीन बार फेल होने के बाद काजल ने उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन परिवार के लोग लगातार काजल का हौसला बढ़ाते रहे, यहां तक की काजल के पति ने घर की सभी जिम्मेदारियां खुद संभालते हुए काजल को तैयारी के लिए पूरा समय देने और उनका हौसला बढ़ाने का काम किया.
चौथे प्रयास में मिली सफलता
परिवार द्वारा लगातार हौसला बढ़ाने के बाद काजल ने भी इस परीक्षा को पास करने की ठान ली. और साल 2018 में अपने चौथे प्रयास में काजल को सफलता मिल ही गई. 2018 में काजल ने परीक्षा दी और 1051 अंकों के साथ 28वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया,