आजाद भारत की पहली महिला आईएएस अफसर, 2 प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम

सिविल सेवा की परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है. कोई इस सपने को सुविधाओं की सीढ़ियां चढ़ते हुए पार करता है. तो किसी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए हर संघर्ष और चुनौती से पार पाना पड़ता है. शिखर पर पहुंचने की इन कहानियों में हम हर बार बात करते हैं ऐसे कुछ आईएएस अधिकारियों की जिन्होंने हर चुनौती से पार पाकर अपने मुकाम को हासिल किया. और इनमें से भी खासकर उन महिला अधिकारियों की जिन्होंने समाज के तानों की परवाह किए बिना अपना लक्ष्य हासिल करने में दिन-रात एक कर दिया है. 

आजाद भारत की पहली महिला आईएएस अफसर

लेकिन आज की इस खास कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं देश की पहली महिला आईएएस (IAS) अधिकारी की. जो देश की अन्य महिलाओं के लिए आज भी रॉल मॉडल के रूप में देखी जाती है. और वो हैं केरल की रहने वाली अन्ना राजम मल्होत्रा (anna rajam malhotra), देश के करीब सभी लोग जानते हैं की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले पहले भारतीय रविन्द्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येन्द्र नाथ टैगोर (satyendra nath tagore) थे. लेकिन आजाद भारत की पहली आईएएस अधिकारी के बारे में कुछ गिने-चुने लोग ही जानते हैं. जो अन्ना राजम मल्होत्रा थीं.

कौन थीं अन्ना राजम मल्होत्रा (anna rajam malhotra) ?

अन्ना राजम मल्होत्रा (anna rajam malhotra) का जन्म केरल में हुआ था. आजादी से करीब 20 साल पहले 17 सितम्बर 1927 को अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म हुआ. गुलाम भारत में अन्ना राजम मल्होत्रा ने अपनी शुरुआती शिक्षा केरल के कोझिकोड से पूरी की. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा चेन्नई स्थित मद्रास यूनिवर्सिटी में पढ़ने लगी गई. कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद अन्ना राजम ने प्रशासनिक सेवा में जाकर देश की सेवा करने का फैसला लिया. और इस सपने को पूरा करने के लिए अन्ना राजम ने दिन-रात पढ़ाई शुरू कर दी.

पहले ही प्रयास में पाई सफलता

कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा आईएएस की तैयारी में जुट गई थी. अन्ना राजम मल्होत्रा ने पहली बार साल 1951 में सिविल सेवा की परीक्षा दी. और पहले ही प्रयास में महज 24 साल की उम्र में परीक्षा पास करते हुए अन्ना राजम मल्होत्रा देश की पहली आईएएस अधिकारी बनी. इसके साथ ही अन्ना राजम ने देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी होने का इतिहास काम करते हुए इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर दिया. जो सदैव अमिट रहेगा.

2 प्रधानमंत्री (PM) और 7 मुख्यमंत्रियों (CM) के साथ किया काम

अन्ना राजम मल्होत्रा ने अपने पूरी सेवा के दौरान 2 प्रधानमंत्री ( इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) और 7 मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. इतना ही नहीं जब साल 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया तो इन खेलों को लेकर अन्ना राजम को एशिआई खेलों के प्रभारी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. अन्ना राजम ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दी थी.

पद्म भूषण अवार्ड से हुआ सम्मान

अन्ना राजम मल्होत्रा को उनके द्वारा दिए गए योगदान पर साल 1989 में पद्म भूषण (padma bhushan) अवार्ड से सम्मानित किया गया. करीब 45 सालों तक देश की सेवा करने के बाद साल 1996 में अन्ना राजम सेवानिवृत्त हुई. सेवानिवृत्ति के बाद भी अन्ना राजम रुकने वाली नहीं थी. सेवानिवृत्ति के बाद अन्ना राजम ने प्रसिद्ध होटल की डायरेक्टर का पद भी संभाला. साल 2018 में अन्ना राजम मल्होत्रा ने अंतिम सांस ली.

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