आज के दौर में अधिकतर युवाओं का सपना होता है की वो अच्छी पढ़ाई कर विदेश में मोटे वेतन पर नौकरी कर अपने हर सपने को पूरा करे. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो विदेश में लाखों की नौकरी छोड़ जनसेवा के लिए अपने देश की मिट्टी से जुड़े रहते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तर प्रदेश की रहने वाली अपूर्वा यादव की. शिखर पर पहुंचने की कड़ी में हम बात करने जा रहे अपूर्वा की जिसने अमेरिका में मोटे वेतन की नौकरी को छोड़ते हुए जनहित के लिए अपने सपने को साकार किया.
अपने शहर की पहली महिला एसडीएम बनने का पाया तमगा
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर मैनपुरी की रहने वाली अपूर्वा अपने शहर की पहली महिला एसडीएम होने का गौरव प्राप्त किया. तीन बार की असफलता के बाद भी अपूर्वा ने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में यूपी पीएससी परीक्षा में 13वां स्थान प्राप्त करते हुए अपने सपने को सच किया.
अपूर्वा का जीवन परिचय
अपूर्वा यादव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली है. हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बाद अपूर्वा ने इंजीनियरिंग की. इसके बाद अमेरिका में एक अच्छी नौकरी करने लगी. लेकिन जनसेवा की भावना उनके दिल से कभी नहीं निकल पाई. जिसके बाद अपूर्वा ने सिविल सर्विसेज की तैयारी का फैसला लिया.
तीन बार मिली असफलता
अपूर्वा ने यूपीएससी और यूपी पीएससी परीक्षा की तैयारी साथ शुरू की. लेकिन अपूर्वा को लगातार तीन असफलता मिली. लेकिन ये असफलता अपूर्वा का हौसला नहीं तोड़ पाई और आखिरकार चौथे प्रयास में साल 2016 में अपूर्वा यादव सफलता प्राप्त की.अपूर्वा ने 13वीं रैंक हासिल कर वह अपने शहर की पहली महिला एसडीएम बनने का गौरव भी प्राप्त किया.
हिंदी मीडियम से पढ़कर बनी एसडीएम
अपूर्वा यादव की स्कूली शिक्षा हिंदी मीडियम से हुई है. लेकिन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए उनका अंग्रेजी में एक्सपर्ट होना भी जरूरी था. अपूर्वा यादन ने खूब मेहनत की और न सिर्फ इंजीनियरिंग पूरी की साथ ही टीसीएस में नौकरी भी लग गई. तीन साल तक टीसीएस जैसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के बाद उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला. वहीं उनके दिमाग में सिविल सर्विस का ख्याल आया.
अपूर्व यादव के पति भी है एसडीएम
अपूर्वा यादव के पति विशाल त्यागी भी एसडीएम है. अपूर्वा और विशाल ने उत्तराखंड में स्थित शिवपुरी में शादी की थी.