यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा पास करना देश के हर विद्यार्थी का सपना होता है. लेकिन इस लक्ष्य तक कुछ गिने-चुने लोग ही पहुंच पाते हैं. किसी को इस परीक्षा को क्लियर करने में सालों का समय लग जाता है तो कोई पहले ही प्रयास में इस सफलता को प्राप्त कर लेता है. लेकिन जो जीवन की सभी चुनौतियों को पार पाते हुए . अपने पहले ही प्रयास में प्रांजल ने वो कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं है. शिखर पर पहुंचने की कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं प्रांजल पाटिल की.
अंधियारे के बीच जलाया सफलता का दीया
शिखर पर पहुंचने की कहानी में चुनौतियां अक्सर इतिहास बन जाती है. शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में हम भारत के उन हस्तियों की बात करते हैें जिन्होंने इन चुनौतियों पर पार पाकर लक्ष्य हासिल किया. साथ ही लीक से हटकर अपना नाम बनाया. शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं प्रांजल पाटिल की. जिन्होंने अंधियारी आंखों से वो सपना देखा वो ना सिर्फ पूरा किया साथ ही देश की हर उस महिला के सामने उदाहरण पेश किया जो कमियों और चुनौतियों के चलते अपने लक्ष्य के रास्ते को छोड़ देती है.
प्रांचल पाटिल का जीवन परिचय
प्रांजल पाटिल महाराष्ट्र के उल्हास नगर की रहने वाली हैं. प्रांजल जब 6 साल की थी उस समय उनके साथ एक ऐसा हादसा हुआ जिसने प्रांजल की पूरी जिंदगी बदल दी. कक्षा के एक बच्चे द्वारा प्रांजल की आंख में पेंसिल मारी गई जिसके बाद प्रांजल की एक आंख खराब हो गई थी. अभी प्रांजल इस हादसे से उभरी भी नहीं थी की प्रांजल की दूसरी आंख की रोशनी भी कम होती गई. लेकिन प्रांजल के माता-पिता ने कभी प्रांजल को हार नहीं मानने दी. प्रांजल पाटिल ने विशेष स्कूल से कक्षा 10वीं और 12वीं की पढाई पूरी की. 12वीं प्रांजल ने 85 फीसदी अंक हासिल किए. उसके बाद मुम्बई के सेंट जेवियर कॉलेज से प्रांजल ने उच्च शिक्षा प्राप्त की
बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी की शुरू
प्रांजल जब स्नातक की पढ़ाई कर रही थी उसी समय प्रांजल ने निश्चय कर लिया था की वो प्रशासनिक सेवा में जाकर देश की सेवा करेंगी. और इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रांजल ने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी. जेएनयू के एमए करने के बाद प्रांजल ने यूपीएससी की तैयारी साल 2015 में शुरू की. प्रांजल ने एक खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जो नेत्रहीन विद्यार्थियों को पढ़ाई की तैयारी के लिए बनाया गया था.
पहले प्रयास में पाई सफलता, लेकिन नहीं मिला सपना का लक्ष्य
प्रांजल पाटिल ने साल 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की ओर एक ही साल बाद 2016 में अपने पहले ही प्रयास में प्रांजल ने यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर ली. प्रांजल की 2016 में एआईआर 773 वीं रैंक हासिल की. लेकिन दृष्टिबाधित होने की वजह से प्रांजल को भारतीय रेलवे लेखा सेवा में नौकरी दी गई जिसको प्रांजल ने करने से इनकार कर दिया. और एक बार फिर से प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गई. प्रांजल को अपने सपनों को पूरा करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. साल 2017 में प्रांजल की मेहनत रंग लाई और इस बार प्रांजल ने 124 वीं रैंक हासिल करते हुए अपने सपने को पूरा किया