कहते हैं माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए बच्चे दिन-रात एक कर देते हैं. लेकिन जब ये सपना पोते-पोती पूरे करते हैं तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहता है. कुछ ऐसी ही कहानी है पाली की रहने वाली देशना गुलेच्छा की. राजस्थान ज्यूडिशनल सर्विस ( RJS ) सिविल जज कैडर 2021 का जब भर्ती परिणाम आया तो देशना गुलेच्छा ने ना सिर्फ अपने जिले का नाम रोशन किया साथ ही अपने पूरे परिवार की पहली जज बनते हुए अपने दादा का भी सपना पूरा किया. आज हम बात करने जा रहे पाली के गुंदोचिया बास में रहने वाली 25 वर्षीय देशना गुलेच्छा की जिन्होंने दादा के सपने को पूरा करने के लिए शिखर पर पहुंचने का रास्ता तय किया.
दादा का था सपना बेटा बने जज या वकील,लेकिन बेटे ने चुना बिजनेस बनने का रास्ता
पाली के गुंदोचिया बास में रहने वाले लाभचंद गुलेच्छा का सपना था की उनके परिवार से कोई जज या वकील बने. इसी सपने को पूरा करने के लिए लाभचंद गुलेच्छा ने अपने बेटे राजकुमार गुलेच्छा को एलएलबी की पढ़ाई करवाई. लेकिन राजकुमार का मन एलएलबी की पढ़ाई में ना होकर व्यापार में था. इसलिए राजकुमार ने एलएलबी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ते हुए बिजनेसमैन बन गए. जिसके बाद लाभचंद गुलेच्छा को अपना सपना अधूरा लगने लगा.
पोती ने बचपन से ही देखा दादा के सपने को, तो ठान ली बनना है जज
देशना गुलेच्छा जब 10वीं कक्षा में पढ़ती थी तो कई बार अपने दादा से उनके सपने के बारे में सुना. कि किस तरह वो पिता राजकुमार को अच्चा वकील बनाना चाहते थे. जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके. दादा द्वारा लगातार उनके सपने के बारे में सुनने पर ये बात देशना के मन में घर कर गई और स्कूली पढ़ाई के दौरान ही देशना ने ठान ली थी की एक दिन दादा का सपना पूरा करना है. और ये सपना जज बनकर पूरा करना है.
मध्यप्रदेश ज्यूडिशियल सर्विस में 16वीं रैंक की थी हासिल
देशना गुलेच्छा ने स्कूली शिक्षा के दौरान ही जज बनने की ठान ली थी. इस दौरान उन्होंने मुम्बई से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. देशना ने पहले मध्यप्रदेश ज्यूडिशियल सर्विस की परीक्षा दी थी जिस में देशना ने 16वीं रैंक हासिल की थी. लेकिन देशना की इच्छा थी की वो राजस्थान में परिवार के साथ ही रहे. जिसके चलते देशना ने मध्यप्रदेश में नौकरी ज्वाइन नहीं की. और जब आरजेएस का परिणाम आया तो देशना ने राजस्थान में दूसरी रैंक हासिल की.
दिल्ली में एक साल की कोचिंग तो कोरोना में घर में की पढ़ाई
2019 में मुम्बई से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद देशना अच्छी तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग करने चली गई. करीब एक साल दिल्ली में कोचिंग करने के बाद देश में कोरोना ने दस्तक दी जिसके बाद देशना घर लौटते हुए घर पर ही पढ़ाई शुरू की. घर पर रहते हुए देशना दिन में 5 से 6 घंटे पढ़ती थी.
120 विद्यार्थी का हुआ चयन, देशना ने दूसरी रैंक की हासिल
राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस ( RJS ) सिविल जज कैडर 2021 में 120 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. जिसमें सैकेंड टॉपर जनरल कैटेगरी मेमं पाली की देशना गुलेच्छा रही थी. देशना गुलेच्छा ने 206.5 नम्बर का स्कोर किया था