20 घंटों तक किया सिलाई का काम, बेटे आदेश ने आखिरकार सपना किया पूरा

शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में हम उन लोगों से रूबरू करवाते हैं. जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए ना सिर्फ अपने सपनों को पूरा किया. साथ ही अपने माता-पिता के संघर्ष को भी जाया नहीं होने दिया. शिखर पर पहुंचने की कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं आदेश की. जिन्होंने अपने माता-पिता के संघर्ष को पूरा करते हुए एक आदर्श स्थापित किया.

कपड़े सिल कर बेटे को बनाया एसडीएम

बेटे आदेश पढ़ाई में काफी अच्छा होने के चलते माता-पिता को उम्मीद थी की एक दिन उनका बेटा उनकी गरीबी को दूर करेगा. और इसी सपने को देखते हुए माता-पिता ने कड़ी मेहनत करते हुए बेटे को बढ़ाया. बेटे को जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत पड़ी तो परिवार के पास पैसा नहीं होने के चलते घर पर कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया. साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए झांसी भेजा.

दिन-रात माता-पिता ने किया सिलाई का काम

बेटे को अधिकारी बनाने का सपना अपनी आंखों में पाले माता-पिता ने दिन-रात मेहनत की. पिता जहां फैक्ट्री में सिलाई का काम करते थे तो वहीं आदेश की माता घर पर सिलाई का काम करती थी. आर्थिक तंगी के चलते आदर्श को पिता को दिन में करीब 20-20 काम करते थे. यहां तक की फैक्ट्री में काम करने के साथ ही आदेश के पिता घर पर भी कपड़े लाकर सिलने लगे. लेकिन आदेश की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं आने दी. और अंत में 2020 में आदेश ने अपने माता-पिता का सपना पूरा किया. 

पड़ोसियों ने कई बार पिता का काम संभालने की दी सलाह

परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए कई बार रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने आदेश के पिता को आदेश की पढ़ाई छुड़वाते हुए घर के काम में हाथ बंटाने की सलाह दी जिसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सके. लेकिन आदेश के पिता ने आदेश को अधिकारी बनाने का सपना ठान रखा था. 

पहले टीएससी में हुआ चयन

तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए आदेश ने बीटेक की पढ़ाई पूरी की. इसके साथ ही आदेश का चयन टीसीएस में हुआ. जिसके बाद घर के आर्थिक  हालात सुधरने लगे. आदेश कुमार की पढ़ाई सहारनपुर से ही हुई है. आखिरकार साल 2020 में आदेश का चयन एसडीएम पद पर हुआ.

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img