शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में आज मह बात करने जा रहे हैं दिल्ली के रहने वाले वैभव छाबड़ा की. कहा जाता ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी शुरू से ही काफी तेज होते हैं. लेकिन दिल्ली के वैभव छाबड़ा ने इस धारण को सिर्फ अपनी मेहनत और लगन से गलत साबित कर दिया. शुरू से ही पढ़ाई में एवरेज वैभव छाबड़ा ने ना सिर्फ इस धारणा को गलत साबित किया साथ ही आईईएस (IES) में 32वीं रैंक हासिल करते हुए देश के हर स्टूडेंट के सामने एक आदर्श भी स्थापित किया.
बचपन से ही पढ़ाई में एवरेज थे वैभव
दिल्ली के रहने वाले वैभव छाबड़ा शुरू से ही पढ़ाई में एवरेज थे. वैभव छाबड़ा ने सिर्फ 56 फीसदी अंकों के साथ बीटेक की डिग्री हासिल की. वहीं बीटेक करने के बाद एक कम्पनी में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन वैभव का मन इस काम में नहीं लगा तो उन्होंने बीएसएनएल में काम करना शुरू किया. लेकिन वैभव का मन इस नौकरी में भी नहीं लगा. जिसके बाद वैभव ने कुछ बड़ा करने के सपने के साथ सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी शुरू की.
सफलता के पीछे छीप गई 8 असफलताएं
वैभव छाबड़ा ने साल 2018 में आईईईस (IES) में 32वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया. लेकिन सफलता से पहले की 8 असफलता या तो वैभव जानते हैं या उनके परिवार के लोग. 2018 में सफलता प्राप्त करने से पहले वैभव 8 बार असफल हुए. लेकिन कभी भी वैभव ने असफलता को खुद पर हावी नहीं होने दिया.
8 महीनों तक बिस्तरों पर की पढाई
वैभव जब यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे तो इस दौरान उनका एक भयानक हादसा हुआ. जिसके चलते वैभव 8 महीनों तक बेड रेस्ट पर रहना पड़ा. लेकिन बेड रेस्ट पर रहने के दौरान भी वैभव ने पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी. बिस्तरों पर ही लेटे लेटे वैभव अपनी तैयारी में जुटे रहे.
7 से 8 घंटों तक नियमित पढ़ाई करना
वैभव ने जब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की तो वैभव को पता था की एवरेज होने की वजह से उनको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. जिसके बाद वैभव ने करीब 7 से 8 घंटे तक प्रति दिन पढ़ाई करना शुरू किया. हालांकि पढ़ाई के दौरान वो बीच-बीच में 10 से 15 मिनट का ब्रेक भी लेते थे.