ज़िद्द ने बदली किस्मत, महज 25 साल की उम्र में मुकाम किया हासिल

यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करना हर विद्यार्थी का सपना होता है. किसी को यह सपना पूरा करने में पूरे परिवार का साथ मिलता है. तो किसी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए हर चुनौती से संघर्ष करना पड़ता है. जमील फातिमा जेबा जब नाम जब कोई सुनता है तो तस्वीर नजर आती है ऐसे संघर्ष की जिसने ना सिर्फ परिवार साथ ही समाज के नातों से पार पाते हुए महज 25 साल की उम्र में ना सिर्फ अपने सपने को साकार किया साथ ही 62वीं रैंक हासिल कर आने वाली पीढ़ी के लिए मिसाल बनी. शिखर पर पहुंचने की इस कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैदराबाद की रहने वाली जमिल फातिमा जेबा की

समाज के हर ताने का किया सामना

देश बदल रहा है. समाज में लड़कियां अब लड़कों से पीछे नहीं है. लेकिन आज भी लड़कियों के सामने शादी और घर-गृहस्थी को संभालने का दबाव हर पल परिवार की ओर से झेलना पड़ता है. लेकिन इस दबाव से ऐसे नायाब हीरे निकलकर सामने आते हैं जो समाज के सामने एक आदर्श पेश करते हैं. इन्हीं लोगों में एक नाम गिना जाता है हैदराबाद की जमील फातिमा जेबा का. जिन्होंने किसे के भी तानों का परवाह नहीं करते हुए अपने सपने को साकार किया.

कॉलेज के दिनों में लक्ष्य कर लिया तय

फातिमा जेबा ने स्कूल के समय में कभी नहीं सोचा था की वो आईएएस अधिकारी बनेंगी. जेबा का फोकस सिर्फ अपनी पढ़ाई पर रहता था. लेकिन समय के साथ साथ जेबा के सपनों ने भी उड़ान भरनी शुरू की. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान फामिता जेबा नेन तय कर लिया था की वो सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे और एक दिन आईएएस अधिकारी बनेंगी. जेबा ने सेंट फ्रांसिस कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और अपने लक्ष्य में जुट गई. 

मा-बाप ने हर कदम पर दिया साथ

जेबा ने जब सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की तो समाज के लोगों और परिवार जनों ने कई सवाल खड़े करते हुए लड़की की शादी करने की सलाह दी. तो किसी ने लड़कों की परीक्षा का हवाला देते हुए जेबा से जिद्द छोड़ने तक की बात कह डाली. लेकिन जेबा को उनके माता-पिता का पूरा साथ मिला. माता-पिता को यकीन था की एक दिन जेबा उनका नाम रोशन करेंगी साथ ही जेबा के माता-पिता ने लोगों के तानों की परवाह नहीं करते हुए जेबा की पढ़ाई जारी रखी.

दो बार मिली असफलता

जेबा अपने सपने को पूरा करने लिए दिन-रात जुट गई थी. लेकिन अभी जेबा को और संघर्ष का सामना करना बाकी था. जेबा ने जितना सोचा था राह उतनी आसान नहीं थी. दिन-रात मेहनत करने के बाद भी जेबा को सफलता नहीं मिल रही थी. और इसी तरह जेबा ने दो साल निकाल दिए. जिसके बाद परिवारों के लोगों का शादी को लेकर और ज्यादा दबाव बढ़ने लगा.

2018 में आखिर सपना किया पूरा

कड़े संघर्ष और अपनी जिद्द के आगे जेबा की सफलता ज्यादा दिन उनसे दूर नहीं रह सकी. साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में जेबा ने महज 25 साल की उम्र में 62वीं रैंक हासिल करते हुए अपने सपने को पूरा किया.

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