संविदा कर्मियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा ,सभी संभागों पर प्रदर्शन कर वादा दिलाया याद

राजस्थान में एक बार फिर से संविदा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विभिन्न विभागों के करीब 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों ने चेतावनी रैली निकालते हुए सरकार को उनका वादा याद दिलाया. साथ ही नियमित करने के वादे को जल्द पूरा नहीं करने पर पूरे राजस्थान में एक बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है. इसके साथ ही संविदा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करके वर्षों से लंबित नियमितीकरण की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया.

4 साल से सिर्फ दिया जा रहा आश्वासन- नरेन्द्र चौधरी

संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि राजस्थान में साल 2018 में कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. जिसके बाद राजस्थान के संविदा कर्मियों ने कांग्रेस का साथ देते हुए विधानसभा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी आज तक संविदा कर्मियों से किया गया वादा पूरा नहीं हो पाया है.

2019 में ही बना दी थी कमेटी

साल 2018 में राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुआ. सत्ता में आने के साथ ही कांग्रेस ने संविदा कर्मियों की सुध लेते हुए साल 2019 में बीडी कल्ला की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया. लेकिन कमेटी के गठन को 4 साल बीत जाने के बाद भी आज तक संविदा कर्मियों के पक्ष में कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

दर्जनों बार किया जा चुका आंदोलन

राजस्थान के विभिन्न विभागों के करीब 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदाकर्मी अपनी एक ही मांग को लेकर दर्जनों बार आंदोलन कर चुके हैं. नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि वादाखिलाफी से व्यथित होकर कई संविदा कर्मियों ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और बहुत से संविदा कार्मिक आकस्मिक वज्रपात के शिकार हो गए. उन संविदा कर्मियों के इस दुनिया से चले जाने के बाद उनके परिवार की दुर्दशा इतनी गंभीर हुई है कि उन्हें दो टाइम की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है. क्योंकि संविदा कर्मियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति या मरने के बाद नियमित कर्मचारी वाली कोई भी सुविधा सरकार के द्वारा उपलब्ध नहीं करवाई जाती है.

नया एक्ट संविदा कर्मियों के हितों के खिलाफ- रामस्वरूप टांक

संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान के महासचिव रामस्वरूप टांक ने  बताया कि राजस्थान सरकार ने “राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022” लागू किया जिसमें संविदा कर्मियों को संविदा पर ही मानकर पुरानी सेवा शून्य कर सरकार वाहवाही लूट रही है. इस नियम में संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारी की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई ना ही कोई मानदेय में बढ़ोतरी हुई और ना ही कर्मचारी नियमित हुए.

बड़े आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान के सभी संभाग मुख्यालयों पर संविदा कर्मियों ने चेतावनी रैली निकालते हुए सरकार को अपना वादा पूरा करने की मांग की है. साथ ही संविदा कर्मियों ने चेतावनी दी है की अगर सरकार की ओर से जल्द ही संविदा कर्मियों के हितों को लेकर फैसला नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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