राजस्थान के 42 हजार परीक्षार्थियों की एक ही मांग, JET के विभिन्न शुल्कों से दी जाए राहत

एक ओर देश के प्रधानमंत्री द्वारा आहवानित ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास किया जा रहा है. दूसरी और राजस्थान में कृषि विश्वविद्यालय JET परीक्षा के नाम पर कृषि विद्यार्थियों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान के करीब 42 हजार परीक्षार्थियों ने सरकार से राहत की मांग उठाई है. 

जेट परीक्षा का आवेदन शुल्क 1400 रुपये

गौरतलब है राजस्थान में 12वी एग्रीकल्चर पास के बाद आगे की पढ़ाई के लिए हर वर्ष कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा JET का आयोजन करवाया जाता है. उक्त परीक्षा का जिम्मा कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को दिया गया है. इस परीक्षा के आवेदन हेतु प्रत्येक विद्यार्थियों से 1400 रुपये ली जा रही है. जो कि आवेदन फार्म के नाम पर भारत में सबसे ज्यादा वसूली जाने वाली फीस है

वहीं संशोधन के भी लिए जा रहे 1400 रुपये

राजस्थान एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (RASA) के प्रदेशाध्यक्ष सीताराम भाखर ने बताया की हाल ही में जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आवेदन फार्म को ऋटि रहित (संशोधन) करने हेतु आदेश जारी किया गया है. विद्यार्थियों से आवेदन के अलावा संशोधन में भी विश्वविद्यालयों द्वारा 1400 रुपये वसूले जा रहे हैं, जो कि विद्यार्थियों के साथ कुठाराघात है. कृषि विद्यार्थियों से वसूली का यह सिस्टम आखिर कब खत्म होगा. 

प्रत्येक विद्यार्थी के लग रहे करीब 5 से 6 हजार रुपये- जीतू गुर्जर

संघ सचिव जीतू गुर्जर ने बताया कि इस वर्ष JET परीक्षा आयोजन 14 मई 2023 को होगा तथा उत्तर कुंजी में विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक वर्ष 8-10 प्रश्नों का उत्तर गलत जारी कर दिया जाता हैं, तथा विद्यार्थियों से आपत्ति के नाम पर प्रत्येक प्रश्न के 300 रुपये वसूले जाते हैं. जिससे प्रत्येक विद्यार्थी से लगभग 2500-3000 रुपये वसूल लिए जाते हैं.

छात्राओं की पीड़ा

एग्रीकल्चर की छात्राओं का कहना है की सरकार द्वारा छात्राओं को प्रति वर्ष 5 हजार रुपये की स्कॉलरशिप दी जा रही है. लेकिन पहले आवेदन शुल्क 1400 रुपये उसके बाद अगर आवेदन में कोई गलती हो जाए तो संशोधन शुल्क 1400 रुपये और अगर किसी प्रश्न में कोई आपत्ति हो तो प्रति सवाल 300 रुपये लिए जाते हैं. ऐसे में स्कॉलरशिप से ज्यादा को पैसा शुल्क में ही जमा करवा दिया जाता है. इसलिए सरकार संशोधन शुल्क और आपत्ति शुल्क को लेकर कदम उठाए जिससे किसान परिवार से आने वाले विद्यार्थियों को राहत मिल सके,

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