चाहे सरकार किसी की भी हो. हर बार राजस्थान का बेरोजगार खुद को ठगा से महसूस करता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से बेरोजगार अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अपनी आवाज मुखर करने लगे हैं. विधानसभा चुनाव में अब समय कम बचा है. ऐसे में प्रदेश के बेरोजगार एक बार फिर से अपनी आवाज को लगातार उठा रहे हैं. ये आवाज उठाई जा रही है राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में
एक महीने में ही 7 महारैली और 2 प्रदर्शन
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की अगर बात की जाए तो पिछले 1 महीनों में अपनी मांगों को लेकर धरने प्रदर्शन और आंदोलन का दौर शुरू हो चुका है. और इसकी शुरुआत 28 दिसम्बर को जयपुर में प्रदर्शन के साथ. 28 जनवरी को जयपुर में आंदोलन के साथ ही पूरे प्रदेश में न्याय एवं रोजगार दो यात्रा की शुरुआत करते हुए हर जिले में आक्रोश महारैली निकाली जा रही है. इसी कड़ी में 4 जनवरी को चौमूं में रैली, 6 जनवरी को नावां नागौर में रैली, 11 जनवरी को जोधपुर में रैली, 13 जनवरी को शाहपुरा में रैली, 16 जनवरी को कुचामन नागौर में रैली, 19 जनवरी में शाहपुरा में रैली, 28 जनवरी को थानागाजी में रैली निकाली. इस बीच 23 जनवरी को प्रदेशभर से जुटे बेरोजगारों ने 22 गोदाम सर्किल पर महापड़ाव डालकर विधानसभा कूच की भी कोशिश की थी.
20 सूत्री मांगों को लेकर है आंदोलन
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से 20 सूत्री मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है. जिसमें प्रदेश में हो रहे पेपर लीक की घटनाओं को रोकने. रासुका कानून लाने, पेपर लीक के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने सहित बेरोजगारों की अन्य मांग शामिल है.
न्याय एवं रोजगार दो यात्रा रहेगी जारी- उपेन यादव
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि बेरोजगारों की मांगों को लेकर लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है. लखनऊ और गुजरात समझौतों की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है. जिसके चलते न्याय एवं रोजगार दो यात्रा शुरू की गई है. अब तक 7 जिलों में आक्रोश महारैली निकाली जा चुकी है और आने वाले समय में प्रदेश के सभी जिलों में रैली निकाली जाएगी. जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.