अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी अब सीएचओ भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में मैदान में कूद पड़ा है. बेरोजगारों ने जहां मामले की जांच की मांग को लेकर बोर्ड अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा तो वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए तुरंत प्रभाव से परीक्षा को रद्द करते हुए मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग उठाई.
बड़ी संख्या में छात्र पदाधिकारी रहे मौजूद
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी बड़ी संख्या में चिकित्सा मंत्री से आवास के बाहर पहुंचे और जमकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान एबीवीपी छात्र पदाधिकारियों ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के आवास के बाहर धरना भी दिया. आंदोलन के दौरान प्रांत मंत्री शौर्य जैमन, प्रांत सह मंत्री अंकित मंगल, राजस्थान विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष भारत भूषण, मंत्री रोहित मीणा, सुनील कुमावत, अमृत, लक्ष्य, मुकेश पूनिया, गुलशन मीणा, देव कैलाश, किरोड़ी लाल, ललित राजपुरोहित, सुरेंद्र डूडी, मन्नू दाधीच सहित राजस्थान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे.
सीबीआई से जांच की रखी मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों से राजस्थान में हो रही हर भर्ती का पेपर लीक हो रहा है. लेकिन इसके बाद भी राजस्थान सरकार द्वारा इन परीक्षाओं की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जा रही है. पेपर लीक होने से राजस्थान के युवा बेरोजगारों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. साथ ही सालों की मेहनत पर पानी भी फीर रहा है.
बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से अपनी मांगों को लेकर चेतावनी दी गई है की सीएचओ भर्ती परीक्षा का पेपर रद्द होने के साथ ही अगर मामले की जांच सीबीआई से नहीं होती है तो आने वाले समय में सीबीआई की ओर से राजस्थान में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
पेपर 8 बजे ही आ गया था मोबाइल पर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने बताया की परीक्षा सुबह 10.30 बजे से होनी थी. लेकिन पेपर करीब ढाई घंटे पहले सुबह 8 बजे से ही सोशल मीडिया पर आ गया था. जिसके तमाम सबूत हैं. लेकिन इसके बाद भी बोर्ड द्वारा पेपर लीक होने के तथ्यों से इनकार किया जा रहा है. जिससे साफ पता चलता है की पेपर माफिया के साथ कितनी बड़ी मिलीभगत हो रही है इसलिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के लिए सीबीआई को मामले की जांच सौंपनी चाहिए.