मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफिले को काले झंडे दिखाने का मामला लगातार गर्माता जा रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र पदाधिकारियों ने छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में गांधी नगर थाने का घेराव कर छात्रों को छोड़ने की मांग की. साथ ही पुलिस हिरासत में छात्रों को प्रताड़ित करने के आरोप भी एबीवीपी पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए
मंगलवार को राविवि गेट पर हुई थी घटना
मंगलवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन कार्यक्रम था. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे थे. लेकिन जब कार्यक्रम खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री का काफिला राजस्थान यूनिवर्सिटी से रवाना हुआ तो उस समय यूनिवर्सिटी गेट पर दर्जनभर छात्रों ने मुख्यमंत्री के काफिले को रोकते हुए काले झंडे दिखाए थे. जिसके बाद पुलिस ने 6 छात्रों को हिरासत में लिया था. इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया था.
21 मार्च को बड़े आंदोलन की चेतावनी
एबीवीपी छात्र पदाधिकारियों द्वारा गांधी नगर थाने के घेराव की चेतावनी दी गई. जिसके बाद थाने के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. साथ ही थाने के गेट पर बेरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया. जिसके बाद एबीवीपी छात्र पदाधिकारियों ने थाने के गेट पर बैठकर ‘रघुपति राघव राजाराम, पुलिस को सद्बुद्धि दे भगवान’, ‘वीरांगनाओं और बेरोजगारों को न्याय दो’ जैसे नारे लगाते हुए गांधीनगर थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही यूनिवर्सिटी के आम छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए, गिरफ्तार 6 कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की. छात्रों को जल्द रिहा नहीं करने पर 21 मार्च को बडे़ आंदोलन की चेतावनी दी
विवि के आम छात्रों पर किया गया लाठीचार्ज- होश्यार मीणा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले आम छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. काले झंडे दिखाने वालों को गिरफ्तार करना बेशक जरूरी है, लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि उन्होंने काले झंडे क्यों दिखाएं. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने वीरांगनाओं को न्याय दिलाने के लिए ये कदम उठाया और यदि विरांगनाओं का मुद्दा उठाना वीरांगनाओं के हक की बात करना अपराध है तो विद्यार्थी परिषद का हर एक कार्यकर्ता अपराधी है. मंत्री और सरकारी नुमाइंदों ने वीरांगनाओं पर ओछी टिप्पणी की है, ये शोभनीय नहीं है. राजस्थान वीरों की भूमि है, यहां वीरांगनाओं पर की गई अशोभनीय टिप्पणी सहन नहीं की जाएगी. अभी फिलहाल सांकेतिक प्रदर्शन किया गया है. 21 मार्च को बड़े घेराव किया जाएगा.