शिक्षा विभाग द्वारा पदोन्नति को लेकर बनाए गए नियम शिक्षा पर भारी पड़ते हुए नजर आ रहे हैं. विभागीय लापरवाही के चलते पिछले तीन सत्रों से पदोन्नति नहीं हो पाई है. जिसके चलते अब बड़ी संख्या में प्रदेश की सरकारी स्कूलों में व्याख्याताओं के पद खाली होते जा रहे हैं. इसके साथ शिक्षा विभाग में पदोन्नति हेतु बनाए गए नए नियमों के कारण पदोन्नति अटकने के चलते स्कूलों में करीब 38 हजार व्याख्याताओं के पद रिक्त चल रहे हैं.
यूजी पीजी असमान विषय के सम्बन्ध में प्रतिनिधिमंडल मिला शिक्षा मंत्री से
यूजी पीसी असमान विषय के प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला से सचिवालय में मुलाकात की. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल को अब तक हुई फाइल की कार्रवाई सेअवगत कराया.
हर स्तर पर क्लियर होने के बाद भी रुकी है फाइल
प्रतिनिधिमंडल ने फाइल पर हुई विभाग के ओएसडी की टिप्पणी के बारे में भी बताया कि जब फाइल शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला साथ ही तीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा नियमों की समीक्षा का अनुमोदन कर कैबिनेट में जाने वाली थी ऐसे में ओएसडी की टिप्पणी करने से नियमों की समीक्षा फाइल रूक गई है.पदोन्नति संघर्ष समिति प्रदेश अध्यक्ष रामकेश मीणा ने बताया कि विभागीय ओएसडी ने अपने अधिकार परिक्षेत्र से बाहर जाकर इस फाइल पर गैर वाजिब टिप्पणी की जो उनके कार्य क्षेत्र में नहीं आती है.
शिक्षा मंत्री ने मामले पर तुरंत लिया संज्ञान
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश मीणा ने मुलाकात के बाद बताया कि शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने इस मामले पर प्रसंज्ञान लेते हुए शिक्षा अधिकारियों की मीटिंग सचिवालय में ली. साथ ही शिक्षा मंत्री ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को तत्काल इस संबंध में उचित कार्रवाई हेतु आदेशित किया तथा फाइल पर की गई अनर्गल टिप्पणी को हटाते हुए फाइल को कैबिनेट अनुमोदन हेतु आगे प्रस्तावित किया.
समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्राथमिक माध्यमिक उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि अगर सरकार तीन सत्र की डीपीसी तुरंत नहीं करती है तो ग्रीष्मावकाश में प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा और सभी शिक्षक पुनः धरने पर बैठेंगे.